शिमला में विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश की बैठक संपन्न 

सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश की बैठक प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में शिमला में हुई। बैठक में सीटू राष्ट्रीय सचिव के एन उमेश, विजेंद्र मेहरा, प्रेम गौतम, जगत राम, अजय दुलटा, कुलदीप डोगरा, सुदेश, जोगिंद्र, भूपेंद्र, राजेश, रमाकांत मिश्रा, आशीष, मोहित, नरेंद्र, गुरनाम, विजय, हिमी, भूप सिंह, बालक राम, रामप्रकाश, अनिल, गुरदास, दलजीत सिंह, गणपत, इंद्र सिंह बैठक में शामिल रहे

Mar 31, 2024 - 16:12
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शिमला में विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश की बैठक संपन्न 

यंगवार्ता न्यूज़ -  शिमला    31-03-2024

सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश की बैठक प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में शिमला में हुई। बैठक में सीटू राष्ट्रीय सचिव के एन उमेश, विजेंद्र मेहरा, प्रेम गौतम, जगत राम, अजय दुलटा, कुलदीप डोगरा, सुदेश, जोगिंद्र, भूपेंद्र, राजेश, रमाकांत मिश्रा, आशीष, मोहित, नरेंद्र, गुरनाम, विजय, हिमी, भूप सिंह, बालक राम, रामप्रकाश, अनिल, गुरदास, दलजीत सिंह, गणपत, इंद्र सिंह बैठक में शामिल रहे। 

बैठक में निर्णय लिया गया कि केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर, किसान, कर्मचारी व जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ सीटू राज्य कमेटी लोकसभा चुनाव में भाजपा हराओ देश बचाओ के नारे के साथ प्रदेश के मजदूरों व जनता के बीच जाएगी व भाजपा के खिलाफ वोट की अपील करेगी। 

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि मजदूरों का न्यूनतम वेतन 26 हज़ार रुपये घोषित करने, मजदूर विरोधी चार लेबर कोडों को रद्द करने, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों कल लागू करने, शहरी क्षेत्रों में विस्तार के साथ ही मनरेगा में 600 रुपये प्रति दिन की मजदूरी पर 200 दिन कार्य दिवस प्रदान करने, मनरेगा, निर्माण तथा बीआरओ मजदूरों का श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण व आर्थिक लाभ बहाल करने, आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाने, नौकरी से निकाले गए कोविड कर्मियों को बहाल करने, भारी महंगाई पर रोक लगाने, योजना कर्मियों को नियमित करने, सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को रोकने, किसानों की कर्ज़ा मुक्ति आदि मांगों को लेकर सीटू राज्य कमेटी मजदूरों व जनता में जाएगी तथा उनसे मजदूर व जनता विरोधी मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करने की अपील करेगी। 

इस कार्य के लिए प्रथम चरण में जिला,ब्लॉक स्तर पर मजदूर अधिवेशन होंगे। लोकसभा चुनाव प्रचार के दूसरे चरण में मजदूरों की आम सभाएं होंगी। तीसरे चरण में मोदी सरकार व भाजपा के खिलाफ डोर टू डोर प्रचार होगा। भाजपा व नरेंद्र मोदी की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदेश में मजदूरों का घोषणापत्र जारी किया जाएगा व हज़ारों पर्चे बांटे जाएंगे। 

उन्होंने कहा है कि केन्द्र की मोदी सरकार की नवउदारवादी व पूंजीपति परस्त नीतियों के कारण बेरोजगारी, गरीबी, असमानता व रोजी रोटी का संकट बढ़ रहा है। बेरोजगारी व महंगाई से गरीबी व भुखमरी बढ़ रही है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमज़ोर करने के कारण बढ़ती मंहगाई ने जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। 

पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस, खाद्य वस्तुओं के दामों में भारी वृद्धि हो रही है। उन्होंने न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह और सभी श्रमिकों को पेंशन सुनिश्चित करने; मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं और बिजली संशोधन विधेयक को निरस्त करने, कॉन्ट्रेक्ट, पार्ट टाइम, मल्टी पर्पज, मल्टी टास्क, टेम्परेरी, कैज़ुअल, फिक्स टर्म, ठेकेदारी प्रथा व आउटसोर्स प्रणाली पर रोक लगाकर इन सभी मजदूरों को नियमित करने, शहरी क्षेत्रों में विस्तार के साथ मनरेगा में 600 रुपये प्रति दिन की मजदूरी पर 200 दिन कार्य दिवस प्रदान करने, मनरेगा, निर्माण तथा बीआरओ मजदूरों की मांगों को जनता में ले जाया जाएगा व मोदी सरकार की मजदूर, कर्मचारी, किसान व जन विरोधी नीतियों के कारण जनता से भाजपा व मोदी के खिलाफ वोट की अपील की जाएगी। 

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण व विनिवेश, नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन व अग्निपथ योजना, महंगाई और डिपुओं में राशन प्रणाली, आंगनबाड़ी, मिड डे मील, आशा कर्मियों, बिजली बोर्ड, नगर निगमों, अन्य बोर्डों व निगमों के कर्मचारियों के ओपीएस, बीआरओ के निजीकरण व नियमितीकरण, स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट, मोटर व्हीकल एक्ट में मजदूर व मालिक विरोधी बदलाव आदि मुद्दों पर मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का पर्दाफाश किया जाएगा।

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