सफलता की कहानी : जतिन्द्र सिंह ने स्वरोजगार अपनाकर दूसरों को भी दिया रोजगार

जतिन्द्र सिंह ने बताया कि जैसे ही सरकार ने पोलीथीन बंद करने का निर्णय लिया था, 2018 में जतिन्द्र सिंह ने कैरी बैग बनाने की शुरूआत की ताकि लोगों की समस्या का समाधान किया जा सके

Feb 13, 2024 - 14:24
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सफलता की कहानी : जतिन्द्र सिंह ने स्वरोजगार अपनाकर दूसरों को भी दिया रोजगार

पर्यारण मित्र कैरी बैग से हो रहा सालाना 20 करोड़ रूपये का टर्न ऑवर

यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना    13-02-2024

ऊना जिला के रहने वाले जतिन्द्र सिंह ने जमा दो की पढ़ाई करने के बाद मिठाई की डिब्बे बनाने का कार्य शुरू किया। मिठाई के डिब्बे बनाने के दौरान उनके मन में कुछ नया करने की सोच पैदा हुई और उन्होंने पर्यावरण मित्र कैरी बैग बनाने का मन बनाया ताकि खुद का रोजगार शुरू कर अन्य बेरोजगारों युवाओं को भी रोजगार उपलब्ध करवाया जा सके।

जतिन्द्र सिंह ने बताया कि जैसे ही सरकार ने पोलीथीन बंद करने का निर्णय लिया था, 2018 में जतिन्द्र सिंह ने कैरी बैग बनाने की शुरूआत की ताकि लोगों की समस्या का समाधान किया जा सके और उन्हें पर्यावरण मित्र कैरी बैग उपलब्ध करवाए जा सके। कैरी बैग का यूनिट शुरू करने के लिए वह उद्योग विभाग के जनरल मैनेज़र से मिले तथा कैरी बैग यूनिट के बारे में चर्चा की। 

उद्योग विभाग द्वारा उन्हें उद्योग स्थापित करने के बारे में पूर्ण जानकारी दी तथा 50 प्रतिशत अनुदान राशि पर यानि साढे़ सात रूपये की राशि उन्हें बसाल में प्लॉट के उपलब्ध करवाई जिस पर खुद का पर्यावरण मित्र (कैरी बैग) बनाने का यूनिट स्थापित किया। 

वर्तमान में जतिन्द्र सिंह ने कैरी बैग यूनिट में 42 अन्य लोगों को भी रोजगार दे रखा है जोकि बैग बनाने, हेल्पर या अन्य कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि यूनिट में लगभग 80 प्रतिशत कार्य करने वाले लोग हिमाचली है जिन्हें घर द्वार पर ही रोजगार उपलब्ध हुआ है। इसके अतिरिक्त जतिन्द्र सिंह अन्य 10-12 लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करवा सकते हैं।

जतिन्द्र सिंह ने बताया कि कैरी बैग(पर्यावरण मित्र बैग) बनाने का कच्चा माल नजदीक बद्दी और नालागढ़ से ही मिल जाता है। कैरी बैग की विक्री हिमाचल और पंजाब से आसानी से हो जाती है क्योंकि कैरी बैग समय की मांग है और लोगों की जरूरत भी है। उन्होंने बताया कि उनका सालाना टर्नर लगभग 20 करोड़ रूपये है और कैरी बैग बनाने का कार्य बढ़िया ढंग से चल रहा है। 

जतिन्द्र सिंह ने कहा कि उन्हें खुशी होती है कि स्वरोजगार से आत्मनिर्भर बनकर दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध करवाने का मौका मिला। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि प्लॉट कि किस्तों का भुगतान भी समय कर दिया है।

जतिन्द्र सिंह ने जिला के युवाओं से आहवान किया कि वे सरकारी नौकरी के पिछे न भाग कर प्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं के लिए स्वरोजगार हेतू चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लें।

यूनिट में काम करने वाले लोगों ने बताया कि पहले वे घर से दूर नौकरी करते थे। लेकिन वर्तमान में घर के समीप ही कैरी बैग यूनिट में रोजगार मिला है यहां पर सभी बेहतर सुविधाएं मिल रही है और घर का पालन -पोषण भी कर रहे हैं।

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