हिमाचल में प्री-प्राइमरी करीकुलम को सरकार ने दी मंजूरी
प्रदेश में प्री- प्राइमरी शिक्षा के करीकुलम को सरकार की मंजूरी मिल गई है। निदेशक प्रारंभिक शिक्षा हिमाचल प्रदेश ने प्री- प्राइमरी पाठ्यचर्या-2023 को तुरंत प्रभाव से लागू करने के लिए पत्र जारी
यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन 21-02-2024
प्रदेश में प्री- प्राइमरी शिक्षा के करीकुलम को सरकार की मंजूरी मिल गई है। निदेशक प्रारंभिक शिक्षा हिमाचल प्रदेश ने प्री- प्राइमरी पाठ्यचर्या-2023 को तुरंत प्रभाव से लागू करने के लिए पत्र जारी कर दिया है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) हिमाचल प्रदेश (सोलन) द्वारा हिमाचल प्रदेश के प्री- प्राइमरी स्कूलों की तीन कक्षाओं के लिए प्री- प्राइमरी करीकुलम-2023 को हिमाचल सरकार ने अपनी मंजूरी प्रदान की है।
यह जानकारी एससीईआरटी सोलन के प्रिंसिपल प्रो. हेमंत कुमार ने दी। एससीईआरटी सोलन ईसीसीई को-ऑर्डिनेटर अस्सिटेंट प्रोफेसर रंजना शर्मा ने बताया कि 19 अगस्त 2023 को निदेशक प्रारंभिक शिक्षा हिमाचल प्रदेश व एससीईआरटी सोलन ने समग्र शिक्षा हिमाचल प्रदेश व अन्य हितधारकों की बैठक में इसके निर्माण का कार्य एससीईआरटी सोलन को दिया।
एससीईआरटी सोलन की टीम ने इसके लिए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूलों का दौरा करके इसके लिए व्यवहारिक इनपुट प्राप्त किए थे। इसमें सोलन के तीन स्कूल विजिट किया था।
28 से 30 अगस्त को इस संदर्भ पहली वर्कशॉप आयोजित की। इसमें समग्र शिक्षा, प्रथम तथा जेबीटी, टीजीटी, प्रवक्ता शामिल है। ये सभी अध्यापक किसी न किसी रूप में प्राथमिक पाठशालों के साथ जुड़े रहे। 16 से 18 अक्टूबर को दूसरी कार्यशाला , 21 अक्टूबर से तीसरी कार्यशाला और 27 अक्टूबर को अंतिम स्वरूप तैयार किया गया।
इसमें एससीईआरटी के स्तर पर तैयार स्वरूप प्रारंभिक शिक्षा निदेशक हिमाचल प्रदेश के माध्यम से शिक्षा सचिव हिमाचल प्रदेश की स्वीकृति के लिए भेजा गया।शिक्षा सचिव के माध्यम से हिमाचल सरकार द्वारा प्री- प्राइमरी पाठ्यचर्या को सरकार ने स्वीकृति प्रदान की है और साथ ही इसे तुरंत प्रभाव से लागू करने आदेश जारी कर दिए हैं। ये आदेश निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के माध्यम से एससीईआरटी को प्राप्त हो चुके हैं।
एससीईआरटी द्वारा तैयार प्री- प्राइमरी पाठ्यचर्या इस वर्ग की तीन कक्षाओं के लिए, जिसमें 3 से 4 वर्ष के बच्चों के लिए बाल वाटिका-1 (नर्सरी), 4 से 5 वर्ष के बच्चों के लिए बाल वाटिका-2 और 5 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए बाल-वाटिका-3 करीकूलम होगा।
रंजना शर्मा ने बताया कि इन तीन कक्षाओं के लिए कोई पुस्तक नहीं होगी। वार्षिक गतिविधि कलेंडर के हिसाब से सारी गतिविधियां चलेगी। इससे बच्चों में दक्षता का विकास होगा। सारी गतिविधियां खेल अधारित होगी, वर्कशीट, सीखने - सीखाने एलटीएम का प्रयोग होगा। यह सब राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप होगा और इसमें राज्य का दृष्टिकोण भी समाहित रहेगा।
What's Your Reaction?