हिमाचल में बनी 22 जीवन रक्षक दवाइयां सब स्टेंडर्ड , सैंपल फेल होने पर 14 कंपनियों को नोटिस 

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की जांच में हिमाचल के 14 उद्योगों में निर्मित 22 दवाएं गुणवता मानकों पर खरा नहीं उतर पाई है। यह खुलासा केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन द्वारा जारी जुलाई के ड्रग अलर्ट में हुआ है। हिमाचल में निर्मित जिन 22 दवाओं व इंजेक्शन के सैंपल फेल हुए

Aug 23, 2023 - 11:01
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हिमाचल में बनी 22 जीवन रक्षक दवाइयां सब स्टेंडर्ड , सैंपल फेल होने पर 14 कंपनियों को नोटिस 

यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन  23-08-2023

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की जांच में हिमाचल के 14 उद्योगों में निर्मित 22 दवाएं गुणवता मानकों पर खरा नहीं उतर पाई है। यह खुलासा केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन द्वारा जारी जुलाई के ड्रग अलर्ट में हुआ है। हिमाचल में निर्मित जिन 22 दवाओं व इंजेक्शन के सैंपल फेल हुए है उनमें एनीमिया, बुखार, अल्सर, उल्टी, दर्द और सूजन, बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण, खांसी हाई ब्लड प्रेशर, मिर्गी, फंगल इन्फेक्शन, शुगर, गठिया, स्पॉन्डिलाइटिस, एलर्जी के एंटीबायोटिक व मल्टीविटामिन शामिल है। 
सब-स्टैंडर्ड दवाओं का निर्माण सोलन, कालाअंब, पांवटा साहिब, नालागढ़, बद्दी व बरोटीवाला में हुआ है। इसके अलावा सिक्किम, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, चेन्नई, हरियाणा, महाराष्ट्र , उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश स्थित दवा उद्योगों में निर्मित 29 तरह की दवाएं भी सब-स्टैंडर्ड पाई गई है। गौर हो कि सीडीएससीओ ने जुलाई माह में देश के अलग-अलग राज्यों से 1306 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे, जिनमें से जांच के दौरान 51 दवाएं सब-स्टैंडर्ड व तीन दवाएं नकली पाई गई है, जबकि 1252 दवाएं खरी उतरी है। 
राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने हिमाचल की 14 दवा कंपनियों को नोटिस जारी कर हुए सब-स्टैंडर्ड दवा उत्पादों का पूरा बैच तत्काल बाजार से हटाने के आदेश जारी कर दिए है। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि सीडीएससीओ द्वारा जारी जून जुलाई माह के ड्रग अलर्ट में शामिल सभी संबंधित दवा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए संबंधित बैच का पूरा स्टाक वापस मंगवाने के निर्देश दिए है। 
राज्य दवा नियंत्रक ने निर्देश जारी किए है हिमाचल के जिन दवा उद्योगों के बार-बार सैंपल फेल हो रहे है, उन उद्योगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान खामियां पकड़े जाने पर लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाएगा। दवा निर्माण में गुणवत्ता से समझौता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा। प्राधिकरण के अधिकारी उन दवा इकाईयों का निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट भी सौंपेंगे, जिनके सैंपल बार-बार फेल हो रहे है। हिमाचल में 60 से ज्यादा दवा उद्योगों की रिस्क बेस्ड इंस्पेक्शन हो चुकी है।

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