दिव्यांगों को बड़ी राहत : नौकरीपेशा-पेंशनर्ज के दिव्यांग बच्चों को भी पेंशन का प्रावधान
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने दिव्यांगों एक बड़ी राहत प्रदान की है। दिव्यांगजनों की पेंशन की राह में अभिभावकों की सरकारी नौकरी या पेंशनर होने की शर्त को हटा दिया है। अब ऐसे दिव्यांग मासिक पेंशन के लिए पात्र बन गए
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 10-12-2025
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने दिव्यांगों एक बड़ी राहत प्रदान की है। दिव्यांगजनों की पेंशन की राह में अभिभावकों की सरकारी नौकरी या पेंशनर होने की शर्त को हटा दिया है। अब ऐसे दिव्यांग मासिक पेंशन के लिए पात्र बन गए हैं, जिनके अभिभावक सरकारी नौकरी, पेंशनर या फिर इन्कम टैक्सपेयर होने हैं। इस संदर्भ में विश्व दिव्यांगता दिवस पर तीन दिसंबर को सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दी है।
हालांकि एक शर्त जरूर लगाई है कि लाभार्थी खुद किसी सरकारी नौकरी, पेंशनर या फिर टैक्सपेयर नहीं होना चाहिए। तय नियमों के तहत 40 से 69 प्रतिशत तक दिव्यांग पुरुषों को 1150 रुपए मासिक पेंशन, जबकि 40 से 69 प्रतिशत तक दिव्यांग महिलाओं को 1500 रुपए मासिक पेंशन मिलती है।
70 वर्ष या इससे अधिक आयु वर्ग के वृद्धजनों, विधवाओं, एकल नारियों, कुष्ठ रोगियों, ट्रांसजेंडरों तथा 70 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांगता वाले दिव्यांगजनों को 1700 रुपए मासिक दर से पेंशन का प्रावधान है।
बिलासपुर जिला की बात करें, तो कुल 49179 लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलती है। इस आंकड़े में 4812 दिव्यांगता पेंशनर्ज शामिल हैं। यानी जिले में इतने दिव्यांग लोगों को दिव्यांग राहत भत्ते के रूप में पेंशन दिए जाने का प्रावधान है।
अभी तक दिव्यांगता पेंशन के नियमों में प्रावधान था कि जिन दिव्यांग बच्चों के माता पिता व अभिभावक सरकारी नौकरी में हैं, पेंशनर्ज हैं या फिर इन्कम टैक्स पेयर हैं, उन्हें दिव्यांगता पेंशन का लाभ नहीं मिलता था, लेकिन अब राज्य सरकार ने नियमों में आवश्यक संशोधन करते हुए दिव्यांगों को बड़ी राहत प्रदान की है जिसके संदर्भ में नोटिफिकेशन भी जारी हो चुकी है।
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