यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला 25-11-2025
पिछली भाजपा सरकार ने इंडस्ट्री, निवेश, रोजगार और पारदर्शिता के क्षेत्र में गंभीर कदम उठाए थे, जबकि सुक्खू सरकार ने तीन साल में इंडस्ट्री भगाने, जमीन बेचने, टेंडर सेट करने और विभागों को चरमराने का काम किया है। पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने धर्मशाला में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीधी चुनौती देते हुए कहा कि साहब रोज़ मंच सजाकर झूठी कहानी सुनाते हैं, लेकिन अपने तीन साल के भ्रष्टाचार पर एक भी जवाब नहीं देते। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने 2019 में धर्मशाला में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट करके बड़े निवेश प्रदेश तक लाए, कोविड जैसी विपरीत परिस्थिति में भी चार प्रमुख सेक्टर—एग्रीकल्चर, डिफेंस, फार्मा और ग्रीन हाइड्रोजन के लिए पारदर्शी प्रक्रियाओं से कस्टमाइज पैकेज दिए। जबकि आज की कांग्रेस सरकार तीन साल में एक भी इन्वेस्टर मीट कराने की हिम्मत नहीं जुटा पाई, और सिंगल विंडो क्लीयरेंस तक लगभग बंद पड़ा है।
विक्रम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार के संरक्षण में नालागढ़ , बद्दी और पांवटा साहिब में इंडस्ट्रियल जमीनों का अवैध चेंज ऑफ लैंड यूज़ कर करोड़ों की दलाली हुई है। केवल नालागढ़ के 150 बीघा केस में ही करीब 16 करोड़ की डीलिंग की शिकायतें हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग की मंजूरी बिना CLU संभव नहीं, फिर भी दर्जनों जमीनें होटल कमर्शियल उपयोग में बदली गई क्या मुख्यमंत्री बताएंगे कि यह घोटाले किसके इशारे पर हुए? उन्होंने HPSEDC में आउटसोर्सिंग घोटाले, चहेती कंपनियों NUVISION, ALAKH, CHAWLA DIGITAL के जरिए भर्ती पोस्टिंग में हस्तक्षेप और युवाओं के शोषण को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर सरकार की पसंद की कंपनियों के जरिए करोड़ों का पैसा खपाया गया और मुख्यमंत्री मौन हैं। ठाकुर ने कहा कि बल्क ड्रग पार्क के 250 करोड़ के टेंडर को पूरी तरह सेटिंग का खेल” बताते हुए उन्होंने कहा कि CEIGALL के नाम का उपयोग कर एक प्रॉक्सी कंपनी ने पूरा ठेका ले लिया , इवैल्यूएशन कमेटी की आपत्तियों को रद्द किया गया और दो मंत्रियों की सीधी भूमिका सामने आई।
यह रोजगार की परियोजना थी , 10 हजार युवाओं को सीधा रोजगार मिलना था लेकिन सरकार इसे भी दलाली का जरिया बना गई। शिक्षा विभाग में 150 करोड़ के प्रोक्योरमेंट घोटाले, चिनार ग्रुप व चावला डिजिटल की फ्रेंडली कंपनियों को दिए गए टेंडरों, चुनावों में इस पैसे के उपयोग के गंभीर आरोप उन्होंने प्रेस के सामने रखे। वहीं एक्साइज विभाग में बॉटलिंग प्लांट्स से उगाही, चार–चार ट्रक अवैध शराब निकालने, सरकारी संरक्षण में हफ्ता वसूली पर भी उन्होंने मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा किया। अंत में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री साहब, भाजपा पर आरोप लगाने से फुर्सत मिले तो अपने घर में जलती आग देखें। धर्मशाला से मैं आपसे आठ सवाल पूछ रहा हूं, जनता भी जवाब चाहती है। पिछली सरकार की कहानी सुनाकर लोग अब बहलने वाले नहीं। भ्रष्टाचार का हिसाब देना ही पड़ेगा।