नवंबर तक भर्ती होंगे 6000 शिक्षक , शनिवार और रविवार को भी लगेगी कक्षाएं : सीएम 

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए इस वर्ष नवंबर तक 6,000 अध्यापकों की भर्ती भी की जाएगी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को मेधावी छात्र सम्मान समारोह के दौरान कही। उन्होंने कहा कि आपदा के कारण राहत शिविरों में रहने वाले परिवारों को राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पांच हजार रुपये और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये प्रति माह किराया देने का निर्णय लिया

Sep 15, 2023 - 19:45
Sep 15, 2023 - 20:09
 0  16
नवंबर तक भर्ती होंगे 6000 शिक्षक , शनिवार और रविवार को भी लगेगी कक्षाएं : सीएम 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  15-09-2023
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए इस वर्ष नवंबर तक 6,000 अध्यापकों की भर्ती भी की जाएगी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को मेधावी छात्र सम्मान समारोह के दौरान कही। उन्होंने कहा कि आपदा के कारण राहत शिविरों में रहने वाले परिवारों को राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पांच हजार रुपये और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये प्रति माह किराया देने का निर्णय लिया है, ताकि पीड़ित परिवारों की मुश्किलों को कुछ कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि आपदा से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है और पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए शनिवार और रविवार को कक्षाएं लगाने पर विचार किया जा रहा है। 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करने का प्रयास कर रही है और सरकार की नीतियां और योजनाएं शीघ्र ही धरातल पर नजर आएंगी। प्रदेश सरकार का लक्ष्य हिमाचल को आने वाले चार वर्षों में आत्मनिर्भर और 10 साल में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा देकर उनके लिए कानून बनाया, जिसके तहत 27 वर्ष तक की आयु तक अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी राज्य सरकार उठाएगी। उनकी उच्च शिक्षा का पूरा खर्च भी राज्य सरकार वहन करेगी और इस दौरान उन्हें 4000 रुपये प्रति माह जेब खर्च भी प्रदान किया जाएगा। सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल हाल ही के इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी से गुजर रहा है और प्रदेश सरकार ने प्रथम दिन से ही प्रभावितों के बीच रहकर उनकी हर संभव मदद सुनिश्चित की है। 
 
उन्होंने कहा कि भूस्खलन और बारिश के कारण प्रदेश भर में बिजली की लाइनें टूट गईं, पानी की योजनाएं बह गईं और 1500 से ज्यादा सड़कों को नुकसान पहुंचा, लेकिन राज्य सरकार ने 48 घंटे के भीतर ही अस्थायी तौर पर जरूरी सेवाओं को बहाल किया और 75 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला। उन्होंने कहा कि आपदा के कारण आज लगभग 3000 परिवार राहत शिविरों में रहने को मजबूर हुए और प्रदेश सरकार इन परिवारों को बसाने की जिम्मेवारी का बखूबी निर्वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा का राज्य के लोग दृढ़ता से सामना कर रहे हैं और सभी वर्ग बढ़-चढ़कर योगदान दे रहे हैं। विशेष रूप से स्कूली बच्चों ने अपने जेब खर्च से धन एकत्र कर आपदा राहत कोष में अंशदान दिया, जिसके लिए वह सभी के आभारी हैं। 
 
उन्होंने कहा कि बरसात के दौरान इस आपदा के कारण अभी तक लगभग 12 से 15 हजार करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है, जिसका एक कारण जलवायु परिवर्तन भी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करेगी, क्योंकि राज्य में बहुत भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पर लगभग 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज होने के बावजूद राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से हर प्रभावित की मदद कर रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हिमाचल इस आपदा से निपटने के बाद प्रगति व आत्मविश्वास के एक नए दौर में प्रवेश करेगा।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow