प्रदेश सरकार के एक साल के जश्न के अगले ही दिन मनरेगा व निर्माण मज़दूरों ने प्रदेशभर में मनाया ब्लैक डे
हिमाचल प्रदेश सरकार ने जहां धर्मशाला में अपना एक साल पूरा करने का जश्न मनाया तो वहीं उसके एक दिन बाद ही मनरेगा व निर्माण मज़दूरों ने उनके आर्थिक लाभ रोकने के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने प्रदेशभर में ब्लैक डे मनाया
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यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 12-12-2023
हिमाचल प्रदेश सरकार ने जहां धर्मशाला में अपना एक साल पूरा करने का जश्न मनाया तो वहीं उसके एक दिन बाद ही मनरेगा व निर्माण मज़दूरों ने उनके आर्थिक लाभ रोकने के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने प्रदेशभर में ब्लैक डे मनाया।
शिमला के डीसी ऑफिस पर सीटू की अगुवाई में सैंकड़ों मजदूरों ने प्रदर्शन में भाग लिया। प्रदर्शन में विजेंद्र मेहरा, हिमी देवी, प्रताप चौहान, विक्रम शर्मा, पूर्ण चंद, सुरेंद्र बिट्टू, पवन, शब्बू आलम, कपिल नेगी, रंजीव कुठियाला, बाबू राम, राम प्रकाश, बबलू, प्रवीण, अमित, दीप राम आदि मौजूद रहे।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा गत वर्ष सरकार बनने के एक दिन बाद ही 12 दिसंबर को जारी अधिसूचना के तहत मनरेगा मज़दूरों को श्रमिक कल्याण बोर्ड से बाहर कर दिया गया था। उसके बाद 8 फ़रवरी को अन्य निर्माण मज़दूरों के पंजीकरण, नवीनीकरण और उन्हें मिलने वाली आर्थिक सहयता पर सेस की गैर कानूनी शर्त लगाकर उस पर भी रोक लगा कर बोर्ड के सारे आर्थिक लाभ रोक दिए गए थे।
इस तरह श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत साढ़े चार लाख लोगों को मिलने वाली करोड़ों रूपये की आर्थिक सहायता रोक दी गयी थी। इसके ख़िलाफ़ प्रदेशभर में 12 दिसम्बर 2022 की अधिसूचना की प्रतियां जला कर विरोध प्रकट किया गया व ब्लैक डे मनाया गया। उन्होंने इस मज़दूर विरोधी अधिसूचना को जल्द रद्द करने की मांग की।
सीटू व अन्य मजदूर यूनियनें पिछले एक साल से इसका अलग अलग से विरोध कर रही हैं तथा इस दौरान हुई तीन बोर्ड बैठकों में भी इस रुके हुए कार्य को बहाल करने के प्रस्ताव पारित किए गए हैं। इसलिए सभी सीटू, इंटक, बीएमएस, एटक, टीयूसीसी सभी ने मिलकर सँयुक्त रूप से एक मंच पर इकठ्ठा होकर सरकार ब बोर्ड के ख़िलाफ़ सँघर्ष का बिगुल बजा दिया है।
सयुंक्त सँघर्ष की अगली कड़ी के रूप में 23 दिसंबर को हर जिला में डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री एवं बोर्ड के अध्यक्ष को ज्ञापन भेजे जाएंगे जिनमें सरकार को बोर्ड का रुका हुआ काम बहाल करने के लिए लिखित में अल्टीमेटम दिया जायेगा।
जनवरी 2024 के अंत में जिला स्तर पर सयुंक्त प्रदर्शन किये जायेंगे। सरकार के मजदूर विरोधी इस निर्णय के खिलाफ फरवरी मार्च के बजट सत्र में हज़ारों मनरेगा व निर्माण मजदूर शिमला विधानसभा पर हल्ला बोलेंगे।
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