केंद्र सरकार के सहयोग से चल रही है सुक्खू सरकार, 50 साल के लिए बिना ब्याज दिया 1500 करोड़ का क़र्ज़ : जयराम ठाकुर

नेता प्रतिपक्ष ने मीडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए सरकार की आर्थिक नीतियों को प्रदेश के वर्तमान  माली हालत का ज़िम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने लोगों को एडजस्ट करने के लिए उन पर महती कृपा की

Sep 9, 2024 - 19:43
Sep 9, 2024 - 19:48
 0  15
केंद्र सरकार के सहयोग से चल रही है सुक्खू सरकार, 50 साल के लिए बिना ब्याज दिया 1500 करोड़ का क़र्ज़ : जयराम ठाकुर

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    09-09-2024

नेता प्रतिपक्ष ने मीडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए सरकार की आर्थिक नीतियों को प्रदेश के वर्तमान  माली हालत का ज़िम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने लोगों को एडजस्ट करने के लिए उन पर महती कृपा की है, जिन बोर्ड के अध्यक्षों को हमारी सरकार में तीस हज़ार रुपये का मानदेय मिलते थे उन्हें एक लाख तीस हज़ार रुपए देने लगे। 

7 कैबिनेट रैंक बांटी , छह विधायकों को सीपीएस बनाकर मंत्रियों जैसी सुविधाएं दे रहे हैं। सलाहकारों की फ़ौज खड़ी कर ली है। सीपीएस को बचाने के लिए कोर्ट में वकीलों की फ़ौज को छः करोड़ रुपये से ज़्यादा की फीस दे चुके हैं। प्रदेश में राजस्व अर्जन के सारे रास्ते बंद कर दिये हैं। उद्योग, आबकारी, माइनिंग से राजस्व आने के रास्ते बंद हैं। 

प्रदेश में राजस्व कहां से आयेंगे सरकार इस पर विचार नहीं कर रही है। सिर्फ टैक्स बढ़ाकर, महंगाई का बोझ लादकर प्रदेश के लोगों को निचोड़ कर आर्थिक स्थिति को नहीं सुधारा जा सकता है, सरकार को कल्याणकारी राज्य के दायित्व को भूलना नहीं चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में पहली बार ऐसे हालात बने कि कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाए और पेंशनरों को पेंशन अभी तक नहीं मिल पाई? जब केंद्र से राजस्व अनुदान घाटा का पैसा आया तो ही वेतन दिया जा सका। 

जब सेंट्रल टैक्सेस का अंशदान आएगा तभी पेंशन दी जाएगी। केंद्र सरकार ने हिमाचल को पचास साल की अवधि के लिए 1500 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त कर्ज दिया। भविष्य में भी इसी तरह की आर्थिक सहायता मिलती रहेगी। इन सबके बावजूद हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से हमेशा केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री को कोसा ही जाता है सरकार की तरफ़ से आभार का एक शब्द नहीं निकलता है। 

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोई योजना नहीं लागू की, कोई जनहित के कार्य नहीं किए लेकिन 20 महीने में ही 24 हज़ार करोड़ रुपए से ज़्यादा क़र्ज़ ले लिया। इसी रफ़्तार से अगर सुक्खू सरकार ने कर्ज लेना जारी रखा तो अकेले ही अब तक के हिमाचल के संपूर्ण कर्ज से ज़्यादा क़र्ज़ अकेले ले लेगी और प्रदेश को गंभीर आर्थिक संकट से जूझना पड़ेगा। 

जयराम ठाकुर ने कहा कि हमारी सरकार ने 2016 से लंबित पड़े पे-कमीशन को लागू किया। यह काम कांग्रेस सरकार को करना था लेकिन नहीं किया, आज के कांग्रेस के ज्यादातर लोग तब भी सत्ता में ताकतवर हैसियत रखते थे लेकिन उन्होंने क्यों आवाज नहीं उठाई। कोरोना के गंभीर आर्थिक संकट के बीच किसी भी कर्मचारी का एक दिन का भी वेतन नहीं रुका। 

एक भी पैसे किसी कर्मचारी के नहीं काटे गए। जबकि आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद थी और स्वास्थ्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना अलग चुनौती थी। हमारी सरकार ने यूनिवर्सिटी खोली, कॉलेज खोले, स्कूल, अस्पताल, सरकारी ऑफिस भी खोले। विकास का काम एक दिन के लिए भी रुकने नहीं दिया। डीजल के दाम कम करके महंगाई को काबू में किया। 

जयराम ठाकुर ने सवाल उठाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने क्या किया? डीज़ल पर प्रति लीटर 6 रुपए वैट बढ़ा दिए। सीमेंट, बिजली, पानी, के मनमाने दाम बढ़ाए। संस्थान बंद कर दिए। अस्पताल बंद कर दिये, सहारा योजना बंद कर दी। हिमकेयर के पर कतर दिए, एसपीयू का दायरा घटा दिया। 

दूर दराज के स्कूल बंद कर दिए। सुक्खू सरकार कल्याणकारी राज्य के दायित्व भूल गई। इसके बाद भी इस तरह का आर्थिक संकट हिमाचल सरकार की नाकामी और खराब वित्तीय प्रबंधन के कारण हैं। सरकार राजकोष को निजी कोष समझ कर खर्च करना बंद करे।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow