जिला को टीबी मुक्त बनाने में बने सहयोगी , नि-क्षय मित्र योजना को बढ़ावा देने पर डीसी ने दिया जोर

उपायुक्त जतिन लाल ने जिले वासियों से टी.बी मुक्त ऊना बनाने में सक्रिय सहयोगी बनने की अपील की है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे नि-क्षय मित्र बनकर टी.बी रोगियों की सहायता करें और इस अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दें। उपायुक्त बुधवार को क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में आयोजित जिला क्षय रोग उन्मूलन समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे

Sep 18, 2024 - 19:45
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जिला को टीबी मुक्त बनाने में बने सहयोगी , नि-क्षय मित्र योजना को बढ़ावा देने पर डीसी ने दिया जोर
यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना  18-09-2024
उपायुक्त जतिन लाल ने जिले वासियों से टी.बी मुक्त ऊना बनाने में सक्रिय सहयोगी बनने की अपील की है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे नि-क्षय मित्र बनकर टी.बी रोगियों की सहायता करें और इस अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दें। उपायुक्त बुधवार को क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में आयोजित जिला क्षय रोग उन्मूलन समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, जिसमें सीएमओ डॉ. संजीव वर्मा और जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रमेश कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में जनवरी 2024 से अगस्त 2024 तक क्षय रोग उन्मूलन को लेकर किए गए कार्यों पर चर्चा की गई। उपायुक्त ने जिले के सभी हितधारकों से नि-क्षय मित्र योजना के तहत टी.बी मरीजों को पोषण, नैतिक बल, और मानसिक समर्थन प्रदान करने की अपील की। 
इस योजना में कोई भी व्यक्ति या संस्था 6 महीने, एक साल या तीन साल तक टी.बी मरीजों को सहायता प्रदान कर सकती है। उपायुक्त ने बताया कि जिले में 561 टी.बी रोगियों में से 322 को निक्षय मित्रों के माध्यम से पोषण आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। उपायुक्त ने बताया कि जिले में व्यस्क बीसीजी टीकाकरण के लिए 41361 वयस्कों को चिन्हित किया गया है जिनमें 36,486 का अब तक टीकाकरण हो चुका है। उन्होंने बताया कि टीआइआइएफए प्रोजेक्ट के तहत खांसी के मरीजों , जो निजी डॉक्टरों या मेडिकल स्टोर से कफ सिरप ले रहे हैं, उनका डाटा क्षय रोग मुक्त हिमाचल एप पर अपलोड किया जाएगा ताकि संभावित रोगियों की पहचान कर समय रहते उनकी जांच और इलाज किया जा सके। इससे मृत्यु दर पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा। 
उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि जिन क्षय रोगियों को पोषण आहार नहीं मिल पा रहा है, उन्हें रेडक्रॉस सोसाइटी के माध्यम से आवश्यक सहायता प्रदान की जाए। इसके अलावा, उन्होंने जिला पंचायत अधिकारी को निर्देश दिए कि 2 अक्टूबर को आयोजित होने वाली ग्राम सभा बैठकों में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के जरिए क्षय रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जाएं, ताकि अधिक से अधिक लोग इस बीमारी के बारे में जागरूक हो सके और जिला को क्षय रोग मुक्त बनाने में सहयोग करें। इस दौरान उपायुक्त ने निक्षय मित्रों को विशेष रूप से सम्मानित भी किया। बैठक में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रमेश कुमार ने जानकारी दी कि जिले में कुल 561 क्षय रोगी नोटिफाइड किए गए हैं, जिनमें से 16 एम.डी.आर (मल्टी-ड्रग रेजिस्टेंट) टीबी के मरीज हैं। 
इन सभी मरीजों का इलाज जिला ऊना के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में निशुल्क किया जा रहा है। इसके अलावा, 561 मरीजों की एचआईवी और मधुमेह की भी जांच की गई, जिनमें से 123 मरीज ऐसे पाए गए जो क्षय रोग के साथ-साथ मधुमेह से भी पीड़ित हैं। इन मरीजों का दोनों बीमारियों का समांतर इलाज किया जा रहा है। डॉ. रमेश कुमार ने यह भी बताया कि इस वर्ष जिले में क्षय रोगियों की पहचान में सफलता हासिल हुई है और पिछले वर्ष की तुलना में मृत्यु दर में भी कमी आई है। वर्ष 2023 में मृत्यु दर 8 प्रतिशत थी, जो इस वर्ष घटकर 5.7 प्रतिशत रह गई है। 
बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष नीलम कुमारी, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय मनकोटिया, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुखदीप सिंह सिद्धू, स्वां वीमेन फेडरेशन के मुख्य सलाहकार राजेश शर्मा, चेयरमैन पीर निगाह मंदिर कमेटी शशि देवी, बाबा बाल जी महाराज मंदिर की और से अश्वनी कुमार, बाबा रूद्र नन्द कमेटी की ओर से राम कुमार, जीनत महंत गगरेट, सुनील जोशी नेस्ले इंडस्ट्री, लिव फ़ास्ट गगरेट, जिला पंचायत अधिकारी नीलम कटोच, डॉ राजीव गर्ग, डॉ पंकज कुमार, डॉ शिंगारा सिंह, अखिल शर्मा मेनेजर इंडस्ट्री, डॉ अशोक कुमार, गुलशन कुमार, संदीप धीर, राकेश कुमार, रीता देवी सहित अन्य गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे।

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