गौवंश का संरक्षण न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर की नहीं बल्कि हमारे पर्यावरण के संतुलन को भी बनाए रखता : अंतवाल
गौ वंश का संरक्षण न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करता है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य, कृषि, और पर्यावरण के संतुलन को भी बनाए रखता
न्यूज़ एजेंसी - हरिद्वार 19-09-2024
गौ वंश का संरक्षण न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करता है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य, कृषि, और पर्यावरण के संतुलन को भी बनाए रखता है। इसलिए इसका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। यह बात उत्तराखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष पंडित राजेंद्र अंतवाल ने जिला कार्यालय सभागार मे गौ वंश संरक्षण हेतु जनपद मे किए जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक लेते हुए कही।
उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि गौकशी करने वालों के खिलाफ सख़्ती से कार्यवाही अमल मे लाई जाए और जनपद मे गौकसी पर पूर्णतः अंकुश हो।निराश्रित गौ वंश को केवल पंजीकृत गौ सदनों एवं गौ शालाओं मे ही दिया जाए। किसी भी स्थिति मे गौ वंश को अजनबी व्यक्तियों एवं गैर पंजीकृत संस्थाओं के हवाले ना किया जाए।
पिछले तीन वर्षों के गौ कशी के मामलों की जानकारी लेते हुए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश सम्बंधित अधिकारीयों को दिए। उन्होंने नगर निकायों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि निराश्रित गौ वंश के संरक्षण हेतु भविष्य को ध्यान मे रखते हुए बड़ी गौ शालाओं के प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजे जाए। केटल कैचर वाहन के लिए भी प्रस्ताव बनाकर शासन मे भेजे जाएं।
उन्होंने निर्देश दिए कि भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के कांजी हॉउस को भेल के स्वामित्व मे संचालन हेतु शिवालिक नगर निकाय को संचालन के लिए देने का प्रस्ताव बनाकर भेजा जाए।
बैठक मे मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे, अपर जिलाधिकारी पीएल शाह, उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह, जितेंद्र कुमारके अलावा अश्वनी शर्मा सहित सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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