अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आगाज, ढालपुर में देवताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव ,सुबह से ही ढालपुर में देवताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। वहीं, बड़ी संख्या में देवता भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए पहुंचे

Oct 24, 2023 - 16:25
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अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आगाज, ढालपुर में देवताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी

यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू      24-10-2023

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का मंगलवार को आगाज हो गया है। सुबह से ही ढालपुर में देवताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। वहीं, बड़ी संख्या में देवता भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए पहुंचे। 

ढोल-नगाड़ों की मधुर ध्वनियों से पूरी घाटी गूंज उठी और देव धुनों से माहौल भक्तिमय हो गया है। हालांकि, उत्सव का आधिकारिक शुभारंभ मंगलवार शाम 4:00 बजे भगवान रघुनाथ की रथयात्रा से होगा। देवताओं के इस महाकुंभ में 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा गया है। 

सोमवार देर शाम तक 200 से अधिक देवी-देवता कुल्लू पहुंच गए थे। मंगलवार सुबह भी देवी-देवताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। करीब 300 देवी-देवताओं के उत्सव में शामिल होने की संभावना है।

ढालपुर में 1300 जवान तैनात रहेंगे। ड्रोन-सीसीटीवी से भी नजर रखी जाएगी। भगवान रघुनाथ के सम्मान में वर्ष 1660 से मेला मनाया जा रहा है। मंगलवार शाम चार बजे भगवान रघुनाथ की रथयात्रा से महाकुंभ शुरू होगा। भुवनेश्वरी माता भेखली का इशारा मिलते ही रथयात्रा शुरू होगी। रथ मैदान से भगवान रघुनाथ ढालपुर पहुंचेंगे। 

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल भी भगवान रघुनाथ के दर्शन करेंगे। मेले के लिए आउटर सराज के 14 देवी-देवता 200 किमी दूर से कुल्लू पहुंचे हैं। इनमें देवता खुडीजल, ब्यास ऋषि, कोट पझारी, टकरासी नाग, चोतरू नाग, बिशलू नाग, देवता चंभू उर्टू, देवता चंभू रंदल, सप्तऋषि, देवता शरशाई नाग, देवता चंभू कशोली, कुई कांडा नाग, माता भुवनेश्वरी शामिल हैं। 

मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर ने बताया कि दशहरा में पहली बार मलयेशिया, रूस, साउथ अफ्रीका, कजाकिस्तान, रोमानिया, वियतनाम, केन्या, श्रीलंका, ताइवान, किरगीस्तान, इराक और अमेरिका के सांस्कृतिक दल प्रस्तुति देंगे।

भगवान रघुनाथ के सम्मान में वर्ष 1660 से अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव मनाया जा रहा है। रथयात्रा के लिए ढालपुर आने से पहले भगवान रघुनाथ की पूजा-अर्चना की गई। देवताओं के इस महाकुंभ में 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा गया था। करीब 300 देवी-देवताओं के उत्सव में शामिल होने की उम्मीद है। 

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