अब खून के बदले खून जरूरी नहीं , अस्पतालों और प्राइवेट ब्लड बैंकों को केंद्र सरकार का झटका
देश के अस्पतालों और प्राइवेट ब्लड बैंकों द्वारा अब खून लेने पर मोटी रकम नहीं वसूली जा सके। जी हां, इसको लेकर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ( सीडीएससीओ ) ने ब्लड देने के बदले मोटी रकम वसूलने वालों पर लगाम कसने के उद्देश्य से यह फैसला लिया है। साथ ही रोगी के लिए ब्लड लेने के लिए उसके बदले अब ब्लड देना जरूरी नहीं होगा
यंगवार्ता न्यूज़ - नई दिल्ली 04-01-2024
देश के अस्पतालों और प्राइवेट ब्लड बैंकों द्वारा अब खून लेने पर मोटी रकम नहीं वसूली जा सके। जी हां, इसको लेकर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ( सीडीएससीओ ) ने ब्लड देने के बदले मोटी रकम वसूलने वालों पर लगाम कसने के उद्देश्य से यह फैसला लिया है। साथ ही रोगी के लिए ब्लड लेने के लिए उसके बदले अब ब्लड देना जरूरी नहीं होगा।
गौर हो कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी कर राष्ट्रीय रक्त आधान परिषद ( एनबीटीसी ) के संशोधित दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा गया है। नए फैसले के अनुसार ब्लड बैंक या अस्पताल से खून लेने पर केवल प्रोसेसिंग शुल्क ही देना होगा। इसके अलावा ब्लड बैंक या अस्पताल अन्य कोई चार्ज नहीं वसूल सकेंगे।
रक्तदान न करने की स्थिति में निजी अस्पताल और ब्लड बैंक औसतन 2,000 से 6,000 रुपए प्रति यूनिट वसूलते हैं। इसके अलावा ब्लड की कमी या दुर्लभ ब्लड ग्रुप के मामले में यह शुल्क 10,000 रुपए से अधिक है। वहीं ब्लड डोनेट करने के बाद भी लोगों से प्रोसेसिंग शुल्क हमेशा लिया जाता है।
नए दिशानिर्देशों के तहत केवल प्रोसेसिंग शुल्क लिया जा सकता है, जो रक्त या रक्त घटकों के लिए 250 रुपए से 1,550 रुपए के बीच है। उदाहरण के लिए संपूर्ण रक्त या पैक्ड रेड ब्लड सेल्स का वितरण करते समय 1,550 रुपए का शुल्क लगाया जा सकता है, जबकि प्लाज्मा और प्लेटलेट के लिए शुल्क 400 रुपए प्रति पैक होगा।
What's Your Reaction?