अब हेल्थ इंस्टीटूशन्स में स्वास्थ्य सेवाएं निगम के बोर्ड के तहत होगी  सभी खरीद फरोख्त

हिमाचल स्वास्थ्य सेवाएं निगम के बोर्ड का गठन किया गया है। इसमें स्वास्थ्य मंत्री अध्यक्ष होंगे। प्रधान सचिव व सचिव बोर्ड के उपाध्यक्ष होंगे। बोर्ड में पांच अन्य निदेशक बनाए हैं। इनमें एसीएस वित्त, निदेशक उद्योग, कंट्रोलर स्टोर, निदेशक स्वास्थ्य और प्रबंध निदेशक एचपीएमएससी शामिल

Aug 8, 2023 - 21:09
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अब हेल्थ इंस्टीटूशन्स में स्वास्थ्य सेवाएं निगम के बोर्ड के तहत होगी  सभी खरीद फरोख्त

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  08-08-2023
हिमाचल स्वास्थ्य सेवाएं निगम के बोर्ड का गठन किया गया है। इसमें स्वास्थ्य मंत्री अध्यक्ष होंगे। प्रधान सचिव व सचिव बोर्ड के उपाध्यक्ष होंगे। बोर्ड में पांच अन्य निदेशक बनाए हैं। इनमें एसीएस वित्त, निदेशक उद्योग, कंट्रोलर स्टोर, निदेशक स्वास्थ्य और प्रबंध निदेशक एचपीएमएससी शामिल हैं। स्वास्थ्य सचिव एम सुधा ने मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी की है। राज्य चिकित्सा निगम सभी सभी दवाओं, औषधियों, सर्जिकल, चिकित्सा उपभोग्य सामग्रियों, चिकित्सा उपकरणों, उपकरणों, मशीनरी और सेवाओं, किसी भी अन्य वस्तु की खरीद और वितरण के लिए एक राज्य खरीद एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। 
 
 
निगम हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य और सुरक्षा विनियम विभाग, दंत स्वास्थ्य सेवा विभाग के तहत कॉलेज और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए राज्य खरीद एजेंसी का काम करेगा। इन सभी की ओर से सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अपनी आवश्यकताओं का समेकित खरीद के लिए निगम को भेजना होगा। निगम अन्य सरकारी विभागों, पीएसयू, ट्रस्टों, संस्थानों, स्थानीय निकायों, पंचायतों आदि को उनकी मांग के अनुसार संबंधित दवाओं, चिकित्सा संबंधी सामग्रियों, उपकरणों, मशीनरी और सेवाओं की उनकी मांग के अनुसार आपूर्ति करेगा। 
 
 
हिमाचल प्रदेश में छह मेडिकल कॉलेज हैं। इनके अलावा 100 से ज्यादा जोनल अस्पताल, सिविल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रबंधन अपने स्तर पर दवाइयों की खरीद करते हैं। बाकायदा इसको लेकर टेंडर आमंत्रित किए जाते हैं। मशीनरी और बड़े उपकरण आदि की खरीदारी स्वास्थ्य विभाग करता है। टेंडर और अन्य औपचारिकताएं पूरी करने में समय लग रहा है। ऐसे में अस्पतालों में समय रहते मशीनरियों की खरीदारी नहीं होती है। सरकार से मंजूरी लेने में ही समय लग जाता है। प्रदेश सरकार ने इसलिए स्वास्थ्य सेवाएं निगम बनाने का फैसला लिया है।

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