उद्योग मंत्री को मस्त-भोज की महिलाओं ने दिया करारा जवाब बोले , हाटी के लिए और एकत्रित करेंगे चंदा 

महिलाओं ने कहा किसी भी कीमत पर लेकर रहेंगे अपना हक  उद्योग मंत्री ने केंद्रीय हाटी समिति पर लगाए थे चंदा एकत्रित कर भ्रष्टाचार के आरोप  अकेले शरली गांव की महिलाओं और बुजुर्गों ने एकत्रित किया एक लाख से अधिक का चंदा 

Jan 20, 2024 - 00:17
 0  144
उद्योग मंत्री को मस्त-भोज की महिलाओं ने दिया करारा जवाब बोले , हाटी के लिए और एकत्रित करेंगे चंदा 
यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब 20-01-2024
जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने का मुद्दा भले ही अभी न्यायालय में कुछ समय के लिए लंबित हो गया है , लेकिन इस मुद्दे को रोक पाना ना तो हिमाचल सरकार के वश में है और ना ही किसी राजनेता के , क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा यह अधिनियम पारित किया गया है। जिसमे जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। अधिसूचना के बाद जिला सिरमौर के कुछ राजनेताओं ने इस मुद्दे को लटकाने और भटकाने का भरसक प्रयास किया। 

बावजूद इसके भी इस मुद्दे को रोक नहीं पा रहे है। उद्योग मंत्री को उनके ही गृह क्षेत्र मस्त-भोज की महिलाओं और बुजुर्गों ने करारा जवाब दिया है। ग्रामीणों ने कहा कि हाटी मुद्दे के लिए वह और भी चंदा एकत्रित करेंगे। महिलाओं ने कहा किसी भी कीमत पर अपना हक लेकर रहेंगे। गौर हो कि केंद्रीय हाटी समिति का आरोप है कि इस मुद्दे को लटकाने और भटकाने का कार्य स्थानीय विधायक और वर्तमान में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान द्वारा किया गया है , जो शुरू से ही गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के हक में नहीं थे। 

  केंद्रीय हाटी समिति  का कहना है कि उद्योग मंत्री इससे पहले भी कई मर्तबा कह चुके हैं कि वह कभी भी गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के हक में नहीं थे। यही नहीं कुछ समय पूर्व भारतीय जनता पार्टी द्वारा तो उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की एक वीडियो भी वायरस की थी जिसमें उन्होंने मीडिया के सामने कहा था कि गिरिपार क्षेत्र यही जनजातीय होता है तो इसमें केवल खश , कनैत और भाट आएंगे। राजपूत बिरादरी इसकी हक़दार नहीं होगी , यहाँ तक की शिलाई का विधायक जो राजपूत है वो भी इसमें नहीं आएगा। 

केंद्र सरकार द्वारा जब अधिसूचना जारी की गई तो उसके तीन महीनों तक कांग्रेस सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की और तीन महीने बाद स्पष्टीकरण के लिए फाइल भेजी। जब केंद्र सरकार का  स्पष्टीकरण भी आ गया उसके बाद यह मुद्दा कुछ लोगों द्वारा हाईकोर्ट में ले जाया गया , जिसके चलते हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने 18 मार्च तक इस पर स्टे लगा दिया है। वहीं गत दिन उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान द्वारा मीडिया के समक्ष बयान दिया गया कि  केंद्रीय हाटी समिति  द्वारा करोड़ों रुपए का चंदा एकत्रित किया गया है जो भ्रष्टाचार एक नमूना है। 

उद्योग मंत्री तो केंद्रीय हाटी समिति को यह भी कहा है कि वह चंदा एकत्रित करना छोड़ दे जितना भी पैसा इस मुद्दे के केस लड़ने के लिए लगेगा वह सब हर्षवर्धन वहन करेंगे , लेकिन हैरत की बात यह है कि इससे पूर्व कभी भी उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान इस मुद्दे की पैरवी को लेकर संजीदगी नहीं दिखाई। उसके बाद आज शरली गांव की महिलाओं और बुजुर्गों ने मीडिया के समक्ष कहा कि वह हाटी मुद्दे को लेकर किसी भी प्रकार का सहयोग करने को तैयार है।  महिलाओं ने कहा कि अभी तो केवल मात्र शरली गांव से यह मुहिम आरंभ हुई है। यदि जरूरत पड़ी तो गांव की महिलाएं भी केंद्रीय हाटी समिति  साथ मिलकर गांव-गांव जाकर इसके लिए चंदा एकत्रित करेगी। 
वहीं बुजुर्गों ने भी कहा कि गिरिपार को जाति क्षेत्र घोषित करवाने के लिए वह न केवल अंशदान बल्कि अन्य सहयोग देने को भी तैयार है। आज शरली गांव के ग्रामीणों ने द्रीय हाटी समिति के सदस्यों को गांव से एकत्रित 109000 रुपए की चंदा राशि भेंट की , जिससे उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के उस बयान की पोल खुल गई जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्रीय हाटी समिति  द्वारा करोड़ों रुपए का चंदा एकत्रित किया गया है। केंद्रीय हाटी समिति ने कहा कि अभी केवल मात्र शरली गांव से ही चंदा एकत्रित किया गया है और यदि जरूरत पड़ी तो केंद्रीय हाटी समिति अन्य गांव से भी चंदा एकत्रित करेगी। 

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow