एक आदर्श विद्यार्थी ही बन सकता है आदर्श नागरीक , डीएवीएन ददाहू में चरित्र निर्माण पर शिविर 

डीएवीएन पब्लिक स्कूल ददाहू में चरित्र , शिक्षा , अनुशासन पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के सभी विद्यार्थियों और अध्यापक और अध्यापिकाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में विद्यालय के प्रधानाचार्य धनेन्द्र गोयल ने सभी विद्यार्थियों से कहा कि आजकल के परिवेश में जहां हर किसी के ऊपर पाश्चात्य संस्कृति का असर पड रहा हैं। हम सभी को अपने संस्कारों , चरित्र और नैतिक मूल्यों को पूर्ण रूप से संरक्षित रखना चाहिए

Jan 9, 2024 - 19:00
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एक आदर्श विद्यार्थी ही बन सकता है आदर्श नागरीक , डीएवीएन ददाहू में चरित्र निर्माण पर शिविर 
यंगवार्ता न्यूज़ - श्री रेणुका जी  09-01-2024
डीएवीएन पब्लिक स्कूल ददाहू में चरित्र , शिक्षा , अनुशासन पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के सभी विद्यार्थियों और अध्यापक और अध्यापिकाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में विद्यालय के प्रधानाचार्य धनेन्द्र गोयल ने सभी विद्यार्थियों से कहा कि आजकल के परिवेश में जहां हर किसी के ऊपर पाश्चात्य संस्कृति का असर पड रहा हैं। हम सभी को अपने संस्कारों , चरित्र और नैतिक मूल्यों को पूर्ण रूप से संरक्षित रखना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों के शिक्षा व्यर्थ हैं। एक आदर्श विद्यार्थी ही आने वाले समय में भावी समाज का आदर्श नागरिक बन सकता हैं। चरित्र यदि उज्जवल हैं और यदि उसका आधार हमारे संस्कार हैं तो कभी भी विद्यार्थी पथभ्रष्ट नहीं हो सकता। चरित्र , संस्कार और अनुशासन वो नैतिक मूल्यों हैं जो विद्यार्थी रूपी पौधे के लिए ठीक उसी प्रकार से अति अनिवार्य हैं जिस प्रकार से एक पौधे के लिए सभी पोषक तत्वों से युक्त खाद होता हैं। यदि विद्यार्थी उपयुक्त समय पर नैतिक मूल्यों का समावेश अपने व्यक्तित्व में नहीं करेगा तो जिस प्रकार एक पौधे को सही समय पर उचित खाद न मिलने पर उसमें कमी रह जाती हैं। 
वही कमी विद्यार्थी के व्यक्तित्व में रह जाएगी। प्रधानाचार्य ने कहा कि उस डॉक्टर और उसकी शिक्षा का क्या फायदा जो डॉक्टर तो बन गया पर अपने काम को मानव सेवा न मान कर पैसा का जरिया समझता और लोगों की किडनी निकाल कर बेचता हैं। इसी प्रकार उस अफसर और उसकी शिक्षा का क्या फायदा जो अफसर तो बन गया पर रिश्वत लेकर काम करता हैं और गरीबों का खून चूसता है। प्रधानाचार्य ने अंत में उज्जवल चरित्र , संस्कार और अनुशासन को अपनाने और अपने व्यक्तित्व का अभिन्न अंग बनाने के लिए सभी विद्यार्थियों से आह्वान किया। 
उसके बाद विद्यालय के अध्यापक सत्य प्रकाश शर्मा ने सभी नैतिक मूल्यों को अपनाने के लिए विद्यार्थियों को कहा और उज्जवल चरित्र के प्रमाण के रूप में मिसाइल मैन पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम आजाद के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। इसके बाद विद्यालय के कई विद्यार्थियों ने भी अपने विचार व्यक्त करे। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने कहा कि हमारे विद्यालय को उद्देश्य और मोटो चरित्र , शिक्षा , अनुशासन और संस्कार है। समय-समय पर इस संदर्भ में विद्यालय में कार्यक्रम आयोजित होते रहते है। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य , समस्त स्टाफ और विद्यार्थी उपस्थित थे।        

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