गुर्जरों की संदिग्ध गतिविधियों से डर के साए में जी रहे पड़डूनी पंचायत के ग्रामीण 

पांवटासाहिब के समीप पढ़दूनी में स्थानीय पंचायतों के लोग चार दिन से धरने पर बैठे हैं। लोगों का आरोप है कि आसपास के जंगलों में घुमंतु गुर्जरों ने अवैध कब्जे किए हुए

Dec 16, 2023 - 14:18
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गुर्जरों की संदिग्ध गतिविधियों से डर के साए में जी रहे पड़डूनी पंचायत के ग्रामीण 

यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब      16-12-2023

पांवटासाहिब के समीप पढ़दूनी में स्थानीय पंचायतों के लोग चार दिन से धरने पर बैठे हैं। लोगों का आरोप है कि आसपास के जंगलों में घुमंतु गुर्जरों ने अवैध कब्जे किए हुए हैं। इन गुर्जरों के पास अक्सर उत्तरप्रदेश, दिल्ली और हरियाणा से बड़ी संख्या में संदिग्ध लोग पहुंचते हैं। 

गुर्जरों के अवैध कब्जे और बड़ी संख्या में संदिग्ध लोगों के पहुंचने से ग्रामीण क्षेत्रों में डर का माहौल बना हुआ है। पडडूनी गांव के आसपास डर का माहौल बना हुआ है। यहां लोग प्रवासी गुर्जरों के कारण डर के साए में जीने को मजबूर हैं। दरअसल प्रवासी गुर्जर यहां 6 महीना के लिए आते हैं। यहां 6 महीना के प्रवास के दौरान उनके लिए सरकार द्वारा स्थान निर्धारित किया गया है। 

मगर अब निश्चित संख्या से कहीं अधिक गुर्जर परिवार यहां स्थाई रूप से रहने लगे हैं और उन्होंने निर्धारित स्थान के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के आसपास स्थाई डेरे बना लिए हैं। यही नहीं इन गुर्जरों के पास दिल्ली उत्तर प्रदेश उत्तराखंड और हरियाणा आदि राज्यों से बड़ी संख्या में संदिग्ध लोग आते हैं और रात्रि के समय वन क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियां करते हैं। 

जंगल में घास पत्ती आदि को लेकर गुर्जर अक्सर स्थानीय लोगों से उलझ जाते हैं। इस क्षेत्र में बाहरी राज्यों के लोगों के साथ गुर्जरों की संदिग्ध गतिविधियों को लेकर प्रशासन को हर स्तर पर शिकायत की गई है। वन विभाग को भी गुर्जरों द्वारा अवैध कब्जों को लेकर बार-बार लिखित रूप से सूचित किया जा रहा है। 

मगर स्थानीय ग्रामीणों के डर का समाधान नहीं हो पा रहा है ना ही अवैध कब्जों को लेकर गुर्जरों के खिलाफ वन विभाग कोई कार्यवाही कर रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रवासी गुर्जर कुछ राजनेताओं, वन विभाग और प्रशासन की लापरवाही की वजह से बेलगाम होते जा रहे हैं। उनकी संदिग्ध गतिविधियां बढ़ती जा रही है। जिससे क्षेत्र के लोगों में डर पैदा हो गया है। 

वहीं दूसरी तरफ लोगों की शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। स्थानीय लोग प्रशासन और वन विभाग की इस रवैये के खिलाफ 5 दिन से धरने पर बैठे हैं। लोगों ने स्पष्ट कर दिया है कि समस्या का समाधान होने तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा और भविष्य में उग्र आंदोलन भी किया जाएगा।

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