यंगवार्ता न्यूज़ - शिलाई 16-12-2023
स्थानीय विधायक और हिमाचल प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की धमकी के बाद भी शनिवार को शिलाई में हजारों की संख्या में हाटी समुदाय के लोगों ने शिरकत कर न केवल मंत्री को सीधा जबाव दिया , बल्कि एक संदेश भी दिया की अब शिलाई की जनता को और अधिक गुमराह नहीं किया जा सकता है। गौर हो कि शुक्रवार को उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने जनसभा में धमकी दी थी यदि सरकार चाहे तो वह न केवल इस मैदान में हाटियों की रैली होने देंगे , बल्कि उन्हें यहां की इजाजत तक नहीं दी जाएगी। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की धमकी के बाद क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोग शिलाई पहुंचे और उद्योग मंत्री को करारा जवाब दिया। गौर हो कि अगस्त महीने में जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र को केंद्र सरकार द्वारा जनजाति क्षेत्र का दर्जा दिया गया है जिसकी अधिसूचना अगस्त महीने में जारी हो चुकी है।
अधिसूचना जारी होने के तीन माह बाद भी हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा इस मामले को लटकाया और भटकाया जा रहा है जिससे खफा होकर क्षेत्र के लोगों ने हाटी समिति के बैनर तले जहां गत दिनों जिला मुख्यालय नाहन में रैली का आयोजन किया , वहीं शनिवार को शिलाई में हाटी समिति द्वारा आयोजित इस रैली में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इससे पूर्व शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी द्वारा हाटी समिति के समानांतर हाटी कल्याण मंच खड़ा कर शक्ति प्रदर्शन किया था , लेकिन उस शक्ति प्रदर्शन में भीड़ ना होने के चलते हर्षवर्धन चौहान बौखला गए और अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती देखकर हर्षवर्धन चौहान ने मंच से ऐलान कर दिया कि यदि सरकार चाहे तो न केवल हाटियों को यहां रैली करने देंगे , बल्कि उन्हें सरकारी प्रांगण में घुसने तक की इजाजत नहीं मिलेगी।
हर्षवर्धन चौहान की धमकी से गिरिपार क्षेत्र के लोगों में भारी गुस्सा है , जिसके चलते आज हर्षवर्धन चौहान को करारा जवाब देने के लिए हजारों की संख्या में हाटी समुदाय के लोग शिलाई में एकत्रित हुए और सरकार तथा उद्योग मंत्री के खिलाफ जमकर जहर उगला। हाटी समिति का आरोप है कि हर्षवर्धन चौहान ने कभी भी क्षेत्र के लोगों के हितों की पैरवी नहीं की है। समिति का कहना है कि यदि हर्षवर्धन चौहान के पिता स्वर्गीय ठाकुर गुमान सिंह चाहते तो गिरिपार के लोगों को वर्ष 1967 में ही उन्हें अपना हक मिल जाता , लेकिन ठाकुर गुमान सिंह ने हमेशा ही वोट बैंक की राजनीति की। उन्हीं के नक्शे कदम पर हर्षवर्धन चौहान भी आगे चल रहे हैं और उन्होंने भी कभी गिरिपार के लोगों के हितों की पैरवी नहीं की।
हाटी समिति का कहना है कि हर्षवर्धन चौहान ने तो एक जनसभा में खुला ऐलान किया था कि वह कभी भी जनजाति क्षेत्र के पक्ष में नहीं थे , बावजूद इसके भी जब गिरिपार के लोगों को यह हक मिल गया है उसके बाद भी उन्होंने इस मुद्दे को लटकाने और भटकाने का कार्य बखूबी किया जा रहा है। लेकिन अब गिरिपार का युवा जागरुक हो गया है और उन्हें आने वाले समय में इसका करारा जवाब देंगे। आपको बता दें कि वर्ष 2022 में हुए विधानसभा के चुनाव में शिलाई निर्वाचन क्षेत्र से हर्षवर्धन चौहान को मात्र 382 वोटों से विजय हासिल हुई थी। आपको बता दें कि हर्षवर्धन चौहान ने तो शुक्रवार को शिलाई में आयोजित हाटी कल्याण मंच के बैनर तले आयोजित रैली में ऐलान किया कि इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है जैसे ही स्पष्टीकरण आएगा तो गिरिपार को जनजाति क्षेत्र का दर्जा दिया जाएगा।