कोर्ट में चल रहे मामलों का समय पर जवाब न देने वाले अधिकारियों की अब खैर नहीं : सीएमओ

अदालतों में समय पर जवाब नहीं देने वाले हिमाचल प्रदेश सरकार के अधिकारी नपेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस  संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। अदालती मामलों के जवाब दायर करने में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी

Nov 20, 2023 - 19:03
 0  70
कोर्ट में चल रहे मामलों का समय पर जवाब न देने वाले अधिकारियों की अब खैर नहीं : सीएमओ
 

यंगवार्ता न्यूज़ -  शिमला  20-11-2023

अदालतों में समय पर जवाब नहीं देने वाले हिमाचल प्रदेश सरकार के अधिकारी नपेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस  संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। अदालती मामलों के जवाब दायर करने में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कोर्ट में लंबित तमाम तरह के मामलों पर चर्चा करने और समय पर उनका जवाब देने की परिस्थितियों पर मंत्रणा के लिए 30 नवंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। 

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू चाहते हैं कि कोर्ट में चल रहे सभी मामलों में सरकार का पक्ष ठीक से रखा जाए। जवाब देने में देरी न की जाए। कुछ विभागाें में इस संबंध में अफसरों की सुस्ती सामने आई है। ऐसे में मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से अधिकारियों को दो टूक कहा गया है कि वे किसी भी तरह की लापरवाही न दिखाएं। अधिकारियों की सुस्ती की वजह से अगर राज्य सरकार का जवाब अदालतों में समय पर दायर नहीं किया जाता है तो ऐसे अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसी के चलते 30 नवंबर को राज्य सचिवालय में एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। इसे मुख्य सचिव संबोधित करेंगे। प्रधान सचिव मुख्यमंत्री भरत खेड़ा सहित सभी संबंधित प्रशासनिक सचिव इसमें उपस्थित होंगे। 

सभी संबंधित अधिकारियों को कहा गया है कि वे ऐसे मामलों का विवरण सरकार के समक्ष प्रस्तुत करें। अदालतों में राज्य सरकार के खिलाफ कई तरह के मामले चल रहे हैं। इनमें से कई सरकारी आदेशों के खिलाफ दायर याचिकाएं भी शामिल हैं। इनमें कई मामले कर्मचारियों से संबंधित भी हैं। एक मामला मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियों को चुनौती देने के संबंध में भी अदालत में चल रहा है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में दायर किए गए विभिन्न मामलों के जवाब भी समयबद्ध तरीके से तैयार नहीं करने के कुछ उदाहरण सामने आए हैं। कई आपराधिक मामले जो पुलिस, विजिलेंस ब्यूरो और गुप्तचर विभाग की ओर से चलाए गए हैं, उनके भी समय पर जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow