गेयटी थियेटर में भारतीय मुद्रा परिषद के मुद्रा मेले में आकर्षण का केंद्र बने पुराने सिक्के 

प्रदेश की राजधानी शिमला के गेयटी थियेटर में चल रहे भारतीय मुद्रा परिषद के मुद्रा मेले में आए पुराने सिक्के लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। हजारों साल पुराने यह सिक्के बताते हैं कि रजवाड़ाशाही में किस तरह के सिक्कों का इस्तेमाल होता था

Oct 29, 2023 - 13:35
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गेयटी थियेटर में भारतीय मुद्रा परिषद के मुद्रा मेले में आकर्षण का केंद्र बने पुराने सिक्के 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     29-10-2023

प्रदेश की राजधानी शिमला के गेयटी थियेटर में चल रहे भारतीय मुद्रा परिषद के मुद्रा मेले में आए पुराने सिक्के लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। हजारों साल पुराने यह सिक्के बताते हैं कि रजवाड़ाशाही में किस तरह के सिक्कों का इस्तेमाल होता था। 

बिना मशीन के आकर्षक डिजाइन में बने इन सिक्कों को देखकर लोग हैरान हैं। मेले में लगे पुराने सिक्कों के स्टॉलों पर जाकर लोगों इनका स्टॉल संचालकों से इतिहास जान रहे हैं।

गेयटी के टेवरन हॉल में आयोजित सिक्कों की प्रदर्शनी में सातवाहन वाले और पंचमार्क के सिक्कों के डिजाइन लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं। सात वाहन वाले  सिक्के शीशा और तांबे में ढाले गए हैं। इन पर मुख्यत: वृष, गज, सिंह, अश्व, पर्वत, जहाज, चक्र स्वस्तिक, कमल, त्रिरत्न और उज्जैन चिह्न (क्रॉस से जुड़े चार बाल) अंकित हैं।

स्टॉल के संचालक प्रेम पीयूष कुमार ने बताया कि यह सिक्के महाराष्ट्र और गुजरात की सीमा पर बालू छानने वालों को मिले थे। बताया कि यह लगभग 1000 से 1200 साल पुराने हैं। पंचमार्क के सिक्के मौर्यकाल में चलन में थे। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में इनके बारे में जानकारी दर्ज है। 

यह सिक्के धातु के टुकड़ों पर औजारों से प्रहार कर तैयार किए जाते थे। इसके अलावा प्रदर्शनी में संदीप सिंह ने कुशाना सिक्के और जीवन दीप सिंह ने सिक्ख राजाओं के समय के सिक्के प्रदर्शित किए हैं। प्रेम पीयूष कुमार ने बताया कि प्रदर्शनी लगाने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को भारत की प्राचीन मुद्राओं के बारे में जागरूक करना है।

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