जीवन में सफलता के लिए अपनाएं रिटेंशन पॉलिसी , वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपना कर आगे बढ़े आगे : बीआर शर्मा

राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) सोलन में राज्य स्तरीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी कम सेमिनार 2024 का आयोजन किया गया। यह प्रदर्शनी साइंस एंड टेक्नोलॉजी विषय पर आधारित थी। इसमें मुख्यतः पांच बिंदुओं पर फोकस किया गया। इसमें स्वास्थ्य, पर्यावरण के लिए जीवन शैली, कृषि, सूचना और यातायात सहित स्पर्धात्मक सोच विषय को शामिल किया गया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर अतिरिक्त शिक्षा निदेशक एचएएस बी.आर शर्मा बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए

Feb 9, 2024 - 20:32
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जीवन में सफलता के लिए अपनाएं रिटेंशन पॉलिसी , वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपना कर आगे बढ़े आगे : बीआर शर्मा
यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन  09-02-2024
राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) सोलन में राज्य स्तरीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी कम सेमिनार 2024 का आयोजन किया गया। यह प्रदर्शनी साइंस एंड टेक्नोलॉजी विषय पर आधारित थी। इसमें मुख्यतः पांच बिंदुओं पर फोकस किया गया। इसमें स्वास्थ्य, पर्यावरण के लिए जीवन शैली, कृषि, सूचना और यातायात सहित स्पर्धात्मक सोच विषय को शामिल किया गया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर अतिरिक्त शिक्षा निदेशक एचएएस बी.आर शर्मा बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता एससीईआरटी के प्रिंसिपल हेमंत कुमार ने की जबकि डाइट सोलन के प्रिंसिपल कम कार्यकारी उप-शिक्षा निदेशक (एलीमेंट्री) डॉ शिव कुमार ने कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत की। मुख्य अतिथि बीआर शर्मा ने छात्रों की रचनात्मक और वैज्ञानिक सोच की सराहना की। शर्मा ने छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपना कर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। 
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने से हम अच्छे समाज और समृद्ध राष्ट्र की कल्पना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच से गरीबी, स्वास्थ्य , चिकित्सा , पर्यावरण , कृषि , खाद्यान , स्वच्छता और इंजीनियरिंग चुनौतियों निपटने में आसानी होती है। वैज्ञानिक रचनात्मक से कौशल विकास को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है ताकि भावी पीढ़ी आत्मनिर्भर होकर बेहतरीन जीवन शैली अपना सके। उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए पर्यावरण संरक्षण भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से ही जीवन में सफलता हासिल की जा सकती है। इस के लिए बुरी संगत से बचना भी जरूरी है। शर्मा ने कहा कि जीवन में सफलता के लिए रिटेंशन पॉलिसी अपनानी पड़ती है यानी हमने जो पूर्व में सीखा है उसे नहीं भूलना चाहिए। इससे पहले संस्थान के प्रिंसिपल हेमंत कुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत कर स्वागत किया। उन्होंने कहा की मुख्य अतिथि की उपस्थिति से भविष्य के वैज्ञानिकों को प्रेरणा और प्रोत्साहन मिला है। उन्होंने कहा की नन्हे वैज्ञानिकों के अंदर एक जिज्ञासा होती है। जिसे मॉडल के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। 
नन्हे वैज्ञानिकों की सोच विकसित करने में उनके शिक्षकों का भरपूर योगदान रहता है। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए अपनी टीम की भी सराहना की। कार्यक्रम की साइंस और मैथ्स संयोजक रजनी सांख्यान ने राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिकी प्रदर्शनी पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी नई दिल्ली की तरफ से गाइडलाइन के मुताबिक प्रदेश में 51 वी राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।  इसमें प्रदर्शनी साइंस और टेक्नोलॉजी के मॉडल के प्रदर्शन के अलावा स्वास्थ्य, पर्यावरण के लिए जीवन शैली, कृषि, संचार और यातायात सहित स्पर्धात्मक सोच विषय पर संवाद किया गया। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी आज जीवन शैली बन चुकी है। उन्होंने कहा कि छात्रों ने अपनी मेहनत और हुनर से सभी विषय पर अपने से विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए स्पर्धात्मक सोच विषय पर कार्य करने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों के साइंस मॉडल ऊर्जा संरक्षण और सतत विकास पर फोकस रहे। बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी 2024 की कोऑर्डिनेटर सीमा शर्मा और गौरव जोशी ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। 
कोऑर्डिनेटर सीमा शर्मा ने कहा कि स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी 2024 के लिए प्रदेश भर के विभिन्न सरकारी स्कूलों से करीब 110 वक्तव्य प्राप्त हुए जिसकी स्क्रूटनी के बाद 34 वक्तव्य चयनित किए गए। सेमिनार में डॉ. पवन शर्मा, डॉ. पंकज शर्मा, डॉ. मंजू ठाकुर, डॉ. प्रेम प्रकाश नेगी और डॉ. नीरज राणा ने निर्णायक की भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि सभी विषय और प्रदर्शनी के लिए प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिए गए। मंगेश ठाकुर ने मंच संचालन की भूमिका निभाई।राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) सोलन में राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिकी प्रदर्शनी कम सेमिनार 2024 का आयोजन किया गया। यह प्रदर्शनी साइंस एंड टेक्नोलॉजी विषय पर आधारित थी। इसमें मुख्यतः पांच बिंदुओं पर फोकस किया गया। इसमें स्वास्थ्य, पर्यावरण के लिए जीवन शैली, कृषि, सूचना और यातायात सहित स्पर्धात्मक सोच विषय को शामिल किया गया। 
कार्यक्रम के समापन अवसर पर अतिरिक्त शिक्षा निदेशक एचएएस बी.आर शर्मा बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता एससीईआरटी के प्रिंसिपल हेमंत कुमार ने की जबकि डाइट सोलन के प्रिंसिपल कम कार्यकारी उप-शिक्षा निदेशक (एलीमेंट्री) डॉ शिव कुमार ने कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत की।      मुख्य अतिथि बीआर शर्मा ने छात्रों की रचनात्मक और वैज्ञानिक सोच की सराहना की। शर्मा ने छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपना कर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने से हम अच्छे समाज और समृद्ध राष्ट्र की कल्पना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच से गरीबी, स्वास्थ्य, चिकित्सा, पर्यावरण, कृषि, खाद्यान, स्वच्छता और इंजीनियरिंग चुनौतियों निपटने में आसानी होती है। वैज्ञानिक रचनात्मक से कौशल विकास को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है ताकि भावी पीढ़ी आत्मनिर्भर होकर बेहतरीन जीवन शैली अपना सके। 
उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए पर्यावरण संरक्षण भी जरूरी है।  उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से ही जीवन में सफलता हासिल की जा सकती है। इस के लिए बुरी संगत से बचना भी जरूरी है। शर्मा ने कहा कि जीवन में सफलता के लिए रिटेंशन पॉलिसी अपनानी पड़ती है यानी हमने जो पूर्व में सीखा है उसे नहीं भूलना चाहिए। इससे पहले संस्थान के प्रिंसिपल हेमंत कुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत कर स्वागत किया। उन्होंने कहा की मुख्य अतिथि की उपस्थिति से भविष्य के वैज्ञानिकों को प्रेरणा और प्रोत्साहन मिला है। उन्होंने कहा की नन्हे वैज्ञानिकों के अंदर एक जिज्ञासा होती है। जिसे मॉडल के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। नन्हे वैज्ञानिकों की सोच विकसित करने में उनके शिक्षकों का भरपूर योगदान रहता है। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए अपनी टीम की भी सराहना की। कार्यक्रम की साइंस और मैथ्स संयोजक रजनी सांख्यान ने राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिकी प्रदर्शनी पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी नई दिल्ली की तरफ से गाइडलाइन के मुताबिक प्रदेश में 51 वी राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।  
इसमें प्रदर्शनी साइंस और टेक्नोलॉजी के मॉडल के प्रदर्शन के अलावा स्वास्थ्य, पर्यावरण के लिए जीवन शैली, कृषि, संचार और यातायात सहित स्पर्धात्मक सोच विषय पर संवाद किया गया। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी आज जीवन शैली बन चुकी है। उन्होंने कहा कि छात्रों ने अपनी मेहनत और हुनर से सभी विषय पर अपने से विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए स्पर्धात्मक सोच विषय पर कार्य करने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों के साइंस मॉडल ऊर्जा संरक्षण और सतत विकास पर फोकस रहे। 
बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी 2024 की कोऑर्डिनेटर सीमा शर्मा और गौरव जोशी ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। कोऑर्डिनेटर सीमा शर्मा ने कहा कि स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी 2024 के लिए प्रदेश भर के विभिन्न सरकारी स्कूलों से करीब 110 वक्तव्य प्राप्त हुए जिसकी स्क्रूटनी के बाद 34 वक्तव्य चयनित किए गए। सेमिनार में डॉ. पवन शर्मा, डॉ. पंकज शर्मा, डॉ. मंजू ठाकुर, डॉ. प्रेम प्रकाश नेगी और डॉ. नीरज राणा ने निर्णायक की भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि सभी विषय और प्रदर्शनी के लिए प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिए गए। मंगेश ठाकुर ने मंच संचालन की भूमिका निभाई।

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