प्रत्येक व्यक्ति के सहयोग से होगा जलवायु परिवर्तन समस्या का समाधान : प्रो.राजिंदर वर्मा

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पंचवर्षीय विधिक अध्ययन संस्थान द्वारा ‘जलवायु परिवर्तन एवं सतत विकास’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में जलवायु परिवर्तन एवं सतत विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर 70 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। देशभर से आए शोधार्थियों एवं पर्यावरण विद्वानों ने पर्यावरण से जुड़े ज्वलंत सवालों पर गहन चर्चा की और समाधान सुझाए

Mar 1, 2025 - 19:47
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प्रत्येक व्यक्ति के सहयोग से होगा जलवायु परिवर्तन समस्या का समाधान : प्रो.राजिंदर वर्मा
 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  01-03-2025

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पंचवर्षीय विधिक अध्ययन संस्थान द्वारा ‘जलवायु परिवर्तन एवं सतत विकास’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में जलवायु परिवर्तन एवं सतत विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर 70 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। देशभर से आए शोधार्थियों एवं पर्यावरण विद्वानों ने पर्यावरण से जुड़े ज्वलंत सवालों पर गहन चर्चा की और समाधान सुझाए। संगोष्ठी के प्रारंभिक सत्र के मुख्य अतिथि रहे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. राजिंदर वर्मा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन जैसी विकराल समस्या के समाधान के लिए हमें प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग सुनिश्चित करना होगा। यूएन जैसे संगठन एवं विभिन्न सरकारें बिना आम जनता के सहयोग के इस समस्या पर पार नहीं पा सकती। 
पर्यावरण से संबंधित कानून भी तभी कारगर होंगे यदि आम जनमानस को इस समस्या का सही मायनों में अहसास होगा। विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के डीन प्लानिंग एवं टीचर्स मैटर प्रो. जोगिंद्र सिंह धीमान ने बताया कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पर्यावरण विषय पर काफी संवेदनशील है। विश्वविद्यालय न केवल पाठ्यक्रम के स्तर  पर बल्कि इस दिशा में भी गंभीरता से कार्य कर रहा है कि स्मार्ट टेक्नोलॉजी के प्रयोग से कैसे पर्यावरण का संरक्षण किया जा सकता है। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता पंजाब विश्वविद्यालय रीजनल सेंटर की प्रो. अदिति शर्मा ने जलवायु परिवर्तन के अंतर्राष्ट्रीय, राजनीतिक एवं सामुदायिक पहलुओं पर बात की। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन जैसी समस्या के समाधान के लिए सामुदायिक सहयोग अति आवश्यक है। 
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पंचवर्षीय विधिक अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रो. शिव कुमार डोगरा ने सभी प्रतिभागियों एवं विद्वानों का धन्यवाद किया और कहा कि इस संगोष्ठी को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन एवं सतत विकास विषय पर गहन विमर्श पैदा करना है ताकि हम आने वाली पीढ़ियों को एक सुनहरा भविष्य दे सकें।संगोष्ठी में तीन सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र भी चुने गए। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पंचवर्षीय विधिक अध्ययन संस्थान की जाह्नवी ठाकुर को प्रथम , शमिन तेजस खिमटा दूसरे स्थान पर और और एलआर कॉलेज सोलन की आकृति तीसरे स्थान पर रही। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रीति सक्सेना समापन सत्र में मुख्य अतिथि एवं हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. बीके शिवराम विशिष्ट अतिथि रहे। इस दौरान संगोष्ठी की संयोजक डॉ. सीमा कश्यप , आयोजक सचिव डॉ अंजना ठाकुर एवं अन्य शिक्षक भी मौजूद रहे।

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