प्रदेश में इफको की ओर से यूरिया खाद की नई खेप जारी, प्रदेश के सभी जिलों को भेजी आपूर्ति

प्रदेश में इफको की ओर से यूरिया खाद की नई खेप जारी की गई है। यह खेप कुल 2690 टन की है, जिसे सभी जिलों को जारी कर दिया गया है। इसमें अकेले ऊना और हमीरपुर सिर्कल के लिए 650 टन खाद जारी

Dec 2, 2023 - 13:54
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प्रदेश में इफको की ओर से यूरिया खाद की नई खेप जारी, प्रदेश के सभी जिलों को भेजी आपूर्ति

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    02-12-2023

प्रदेश में इफको की ओर से यूरिया खाद की नई खेप जारी की गई है। यह खेप कुल 2690 टन की है, जिसे सभी जिलों को जारी कर दिया गया है। इसमें अकेले ऊना और हमीरपुर सिर्कल के लिए 650 टन खाद जारी की गई है। वर्तमान में गेहूं की बिजाई कर चुके किसान यूरिया खाद की मांग कर रहे थे।  

जानकारी के अनुसार, प्रदेश भर में इफको की ओर पांच सिर्कल बनाए गए हैं। इसमें सभी 12 जिलों को शामिल किया गया है। जब खाद की नई खेप जारी होती है तो उसे मांग के हिसाब से हर सिर्कल में भेजा जाता है। खाद की नई खेप जारी करने के लिए इफको द्वारा उत्तर प्रदेश के आंवला में स्थित प्लांट से खाद की खेप लाई जाती है। उसके बाद चंडीगढ़ और होशियारपुर में मालगाड़ी के जरिए खाद को पहुंचाया जाता है।

होशियारपुर से ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा जैसे सीमावर्ती जिलों को खाद की सप्लाई भेजी जाती है। चंडीगढ़ से सोलन, शिमला, सिरमौर, किन्नौर जैसे पहाड़ी जिलों को खाद जारी होती है। इस समय प्रदेशभर में किसानों के गेहूं की फसल लगी है। मैदानी जिलों में नवंबर शुरू में गेहूं की बिजाई हुई। 

पहाड़ी इलाकों में तो इससे पहले की गेहूं की बिजाई कर दी जाती है। किसानों को बीते दिनों बारिश का इंतजार था, जो बीते वीरवार को खत्म हो गया। अच्छी बारिश के बाद किसान अब फसल की अच्छी वृद्धि के लिए यूरिया खाद के छिड़काव की तैयारी में है।

इफको ऊना के क्षेत्रीय प्रबंधक माशूक अहमद ने बताया कि प्रदेशभर में बनाए गए पांच सर्कल में सबसे अधिक खाद ऊना-हमीरपुर सर्किल के लिए 650 टन जारी हुई है। वहीं कांगड़ा-चंबा सर्किल को 550 टन खाद सप्लाई की गई है। 

इसके अलावा सोलन-सिरमौर, शिमला-बिलासपुर-किन्नौर और मंडी-कुल्लू- लाहौल स्पीति सर्कल को 475-475 टन खाद की खेप जारी की गई है। इफको ने 65 टन खाद को अपने पास रिजर्व भी रखा है ताकि किसी जिले में आवश्यकता पड़ते पर सप्लाई जारी की जा सके। बता दें कि एक टन खाद में 22.2 बोरी होती है।   

प्रदेश में इस समय यूरिया खाद की आवश्यकता थी, जिसे सभी जिलों में पहुंचा दिया गया है। किसान गेहूं सहित अन्य फसलों के लिए आवश्यकता अनुसार खाद की खरीद कर सकते हैं। इसके साथ नैनो खाद का इस्तेमाल भी किया जाए, ताकि खाद संकट जैसी स्थिति न उत्पन्न हो पाए। - भुवनेश पठानिया, प्रदेश विपणन प्रबंधक, इफको

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