मोटे अनाज को खान-पान में करना चाहिए शामिल : सुनील शर्मा

महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग द्वारा 1 सितम्बर से 30 सितम्बर 2023 तक सिरमौर जिला में आयोजित पोषाहार जागरूकता अभियान शनिवार को संपन्न हुआ। इस अभियान के तहत सिरमौर जिला के 1467 आंगन बाड़ी केन्द्रों, आंगनवाड़ी सर्किलों के अलावा खंड स्तरीय जागरूकता शिविरों का आयोजन

Sep 30, 2023 - 15:29
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मोटे अनाज को खान-पान में करना चाहिए शामिल : सुनील शर्मा

सिरमौर जिला में एक माह चले पोषाहार अभियान का समापन

यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन    30-09-2023

महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग द्वारा 1 सितम्बर से 30 सितम्बर 2023 तक सिरमौर जिला में आयोजित पोषाहार जागरूकता अभियान शनिवार को संपन्न हुआ। इस अभियान के तहत सिरमौर जिला के 1467 आंगन बाड़ी केन्द्रों, आंगनवाड़ी सर्किलों के अलावा खंड स्तरीय जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया जिसमें महिलाओं-माताओं, बच्चों और अन्य जरूरतमंद लोगों को पोषाहार के बारे में जागरूक किया गया।

जिला कार्यक्रम अधिकारी सिरमौर सुनील शर्मा ने नगर परिषद हॉल नाहन में शनिवार को आयोजित समापन समारोह के अवसर पर बताया कि एक माह चले पोषण अभियान आज विधिवत संपन्न हुआ। उन्होंने विभाग की आंगन बाड़ी कार्यकर्ताओं, सुपरवाईजर तथा विभाग के अन्य कर्मचारियों को इस अभियान को सफल बनाने के लिए आभार जताया।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में देश में मोटा अनाज ‘‘मिलैट’’ के प्रति आम जन में रूझान बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन पद्धति में परम्परागत ढंग से मोटे अनाज के प्रयोग का प्रचलन रहा है। उन्होंने कहा कि ज्वार, बाजरा, रांगी, कुटटु, आदि जहां परम्पराग ढंग से भोजन का भाग रहा है वहीं इन अनाजों की मैडिसिनल वेल्यू भी है।

उन्होंने कहा कि हम सबको विशेषकर माताओं, बहनों, बच्चों और बुजुर्गों को अपने खान पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जियों का अधिक से अधिक सेवा स्वास्थ्य के लिए लाभ दायक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अधिकतर महिलाओं  में खूनी की कमी पाई जा रही है। इसके लिए हमें लोहे की कढ़ाई में खाना पकाने की पुरानी परम्परा को पुनः जीवित करने की आवश्यकता है, क्योंकि लोहे की कढ़ाई में खाना बनाने से आयरन की आवश्यकता स्वतः पूरी हो जाती है और शरीर में खून की मात्रा भी बढ़ जाती है।  

सुनील शर्मा ने कहा कि 6 माह तक के बच्चे को स्तनपान करवाना अनिवार्य है इससे बच्चों को संभावित बीमारी से बचाया जा सकता है और 6 माह के उपरांत बच्चे को उसकी रूचि और जरूरत के अनुरूप लिक्विड और हल्का ठोस डाईट भी देनी चाहिए।

कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपस्थित बतौर रिसोर्स पर्सन डा. विनोद सांगल ने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य, खानपान और टीकारण पर विस्तार से जानकारी दी। आयुर्वेद विभाग के रिसोर्स पर्सन डा. रेणुका ने आयुर्वेद्ध पद्धति के माध्यम से महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और खानपान पर प्रकाश डाला।


इस मौके पर आंगनवाड़ी केन्द्र नाहन यूनिट दो की महिलाओं ने पोषण पर समूह गान प्रस्तुत किया। इसके अलावा नाहन ग्रामीण और कौलांवाला भूड़ सर्कल की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने पोषण सम्बन्धी प्रस्तुतियां दी।

जिला आयुर्वेद अधिकारी डा. राजन, बाल विकास परियोजना अधिकारी नाहन कमल शर्मा, पोषण अभियान समन्वयक राजेश शर्मा के अलावा बाल विकास विभाग के अन्य अधिकारी, आंगनबाड़ी सुपरवाईजर, कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।

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