लापता नहीं , जानबूझकर छिप गया था हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी , डीआईजी सीआईडी ने किए कई

प्रदेश भर में चर्चित हेड कांस्टेबल जसवीर सिंह सैनी लापता प्रकरण से आखिरकार डीआईजी क्राइम ब्रांच सीआईडी डॉ. डीके चौधरी ने पर्दा हटा दिया

Jun 15, 2024 - 17:40
Jun 15, 2024 - 17:57
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लापता नहीं , जानबूझकर छिप गया था हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी , डीआईजी सीआईडी ने किए कई

हरियाणा के नारायणगढ़ में ट्यूबवेल में छुपा था कांस्टेबल

नाहन में सीआईडी के डीआईजी ने पत्रकारों को दी मामले की जानकारी

यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन   15-06-2024

प्रदेश भर में चर्चित हेड कांस्टेबल जसवीर सिंह सैनी लापता प्रकरण से आखिरकार डीआईजी क्राइम ब्रांच सीआईडी डॉ. डीके चौधरी ने पर्दा हटा दिया है। जिला मुख्यालय नाहन में आयोजित पत्रकार वार्ता में डीआईजी सीआईडी क्राइम डॉ.डीके चौधरी ने बताया कि कालाअंब थाने में तैनात हेड कांस्टेबल जसवीर सिंह सैनी लापता नहीं हुआ था , बल्कि जानबूझकर हरियाणा में छिप गया था। 

डीआईजी ने कहा कि सिरमौर पुलिस की भले ही इस प्रकरण में काफी किरकिरी हुई है , लेकिन आखिर में पुलिस ने उसे तलाश कर ही लिया है। उन्होंने कहा कि गत दिनों प्रदेश भर में मीडिया की सुर्खियों में रहा जिला सिरमौर पुलिस कांस्टेबल प्रकरण में काफी किरकिरी हुई है जिसके चलते हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच का ज़िम्मा क्राइम ब्रांच सीआईडी को सौप दिया था। 

उन्होंने कहा कि हेड कांस्टेबल की तलाशी के लिए डीएसपी प्रोबेशन अदिति सिंह का अहम रोल रहा है। साथ ही इस मामले में जिला पुलिस ने भी अहम भूमिका निभाई है। डीआईजी सीआईडी ने बताया कि जिला सिरमौर के कालाअंब थाने तैनात हेड कांस्टेबल जसवीर सिंह सैनी द्वारा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था जिसमें जिला पुलिस के अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे और आरोप लगाने के बाद कांस्टेबल भूमिगत हो गया था। 

उन्होंने कहा कि सिरमौर पुलिस के सहयोग से कांस्टेबल को हरियाणा राज्य से ढूंढ लिया गया है जहां वह एक ट्यूबवेल में छुपकर बैठे हुए थे। उन्होंने कहा कि जवान की तबियत ठीक कर नहीं है और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। उन्होंने कहा कि जिस मारपीट मामले की हेड कांस्टेबल कर रहे थे उसका जिम्मा अब  सीआईडी को सोपा गया है और आगामी पूरी करवाई इस मामले में अब सीआईडी द्वारा की जाएगी।

डीआईजी ने कहा कि मामले को लेकर जो भी पहलू अभी तक उजागर हुए हैं। इसकी गहनता से जांच की जाएगी जिसमें पुलिस जवान की भूमिका और जवान पर लगाए आरोपी को भी गंभीरता से जांचा जाएगा। उधर इस मामले को लेकर एसएसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने कहा कि मारपीट मामले में जवान की जांच को लेकर पीड़ित पक्ष द्वारा लगातार सवाल उठाए जा रहे थे। 

उन्होंने कहा कि मारपीट का जो वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है उसमें देखा जा सकता है कि पीड़ित पक्ष के युवक को पंजाब के कुछ युवको द्वारा बेदर्दी से पिटाई की जा रही है और जो कार्रवाई मामले में की जानी चाहिए कि वह कांस्टेबल द्वारा नहीं की गई। 

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक सिरमौर रमन कुमार मीणा ने बताया कि कालाअंब के देवनी में हुई पंजाब के लोगों द्वारा स्थानीय लोगों के साथ की गई मारपीट के जिस मामले के बाद हेड कांस्टेबल का यह पूरा प्रकरण हुआ उस मारपीट के मामले की जांच का जिम्मा भी अब सीआईडी को सौंप दिया गया है। 

इस मामले में आदेश आईजी हिमाचल पुलिस की तरफ से सिरमौर पुलिस को मिल चुके हैं। एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने एक सवाल के जवाब में बताया कि इस पूरे मामले से पहले ही कालाअंब में तैनात हेड कांस्टेबल जसवीर के खिलाफ एक व्यक्ति ने 17 मई को उन्हें शिकायत सौंपी थी। शिकायत में जसवीर पर 45 हजार रुपए की रिश्वत के आरोप लगाए गए थे। 

इस दौरान शिकायतकर्ता द्वारा एक ऑडियो रिकार्डिंग भी पुलिस को उपलब्ध करवाई गई थी। इस मामले में जांच का जिम्मा डीएसपी हेडक्वार्टर रमाकांत ठाकुर को सौंपा गया था और मामले में जांच की गई। शुरुआती जांच में आरोपों की पुष्टि पाई गई थी। मामले में आगामी जांच व कार्रवाई की जानी थी, लेकिन इस बीच जसवीर द्वारा वीडियो वायरल करने व छुप जाने का नया प्रकरण सामने आया। 

एसपी ने बताया कि हेड कांस्टेबल वीडियो में जो मारपीट के मामले में धारा 307 दर्ज करने को लेकर पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगा रहे हैं वह बिल्कुल बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि मामले में हेड कांस्टेबल को सही जांच करने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने कहा कि हेड कांस्टेबल ने ऐसा क्यों कहा यह जांच का विषय है।इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योगेश रोल्टा, डीएसपी हेडक्वार्टर रमाकांत ठाकुर, डीएसपी पांवटा साहिब अदिति सिंह मौजूद रहे।

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