हिमाचल प्रदेश बना पूर्ण साक्षर राज्य , प्रदेश ने हासिल की 99.30 प्रतिशत साक्षरता दर : मुख्यमंत्री
हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए आज पूर्ण साक्षर राज्यों की सूची में अपना नाम अंकित करवानेे की उपलब्धि हासिल की। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर शिमला में आयोजित ‘पूर्ण साक्षर हिमाचल समारोह एवं उल्लास मेला-2025’ के अवसर पर हिमाचल प्रदेश को ‘पूर्ण साक्षर राज्य’ घोषित किया

हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए आज पूर्ण साक्षर राज्यों की सूची में अपना नाम अंकित करवानेे की उपलब्धि हासिल की। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर शिमला में आयोजित ‘पूर्ण साक्षर हिमाचल समारोह एवं उल्लास मेला-2025’ के अवसर पर हिमाचल प्रदेश को ‘पूर्ण साक्षर राज्य’ घोषित किया। यह कार्यक्रम निदेशालय स्कूल शिक्षा द्वारा आयोजित किया गया था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘पूर्ण साक्षर राज्य’ बनने पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य इस उपलब्धि को निर्धारित समय सीमा से पूर्व हासिल करने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि निरक्षर से पूर्ण साक्षर का सफर चुनौतियों भरा रहा है। हिमाचल प्रदेश गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लक्ष्य के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि समय के साथ-साथ शिक्षा की सार्थकता बनाए रखने के लिए आधुनिक दौर के अनुसार शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाना आवश्यक होता है।
मुख्यमंत्री ने पूर्ण साक्षर राज्य के दृष्टिगत योगदान देने वाले अधिकारियों, स्वंयसेवकों और नव साक्षरों को सम्मानित किया। उन्होंने उल्लास कार्यक्रम के तहत लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि आज का दिन हिमाचल के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। देश द्वारा आजादी प्राप्त करने के बाद हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में लगभग अंतिम पायदान पर था। प्रदेश की सभी सरकारों ने अपने-अपने कार्यकाल में ज्ञान की अलख जगाए रखी। प्रदेश में शिक्षा का सफ़र लगभग 7 प्रतिशत साक्षरता की दर से आरम्भ हुआ था। हमें गर्व है कि आज हिमाचल सम्पूर्ण भारत में पूर्ण साक्षर राज्यों की श्रेणी में अपना मकाम बनाने में सफल रहा है। प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र को मज़बूत करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति से अनेक कठिन निर्णय लिये हैं। प्रदेश में विद्यार्थियों की ड्रॉप आउट दर अब लगभग शून्य तक पहुंच चुकी है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में वर्तमान सरकार द्वारा की गई नवीन पहलों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने पूर्ण साक्षर राज्य का लक्ष्य प्राप्त करने में योगदान देने वाले व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया और बधाई दी।
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