यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना 04-12-2025
ऊना जिला प्रशासन ने ‘एंटी-चिट्टा अभियान’ को जिले में मिशन मोड पर आगे बढ़ाते हुए निर्णायक गति दी है। उपायुक्त जतिन लाल ने चिट्टा और नशे को लेकर चिन्हित संवेदनशील पंचायतों की नशा निवारण समितियों की गुरुवार को बैठक कर उन्हें तत्काल सक्रिय मोड में काम करने के निर्देश दिए। बैठक में पुलिस अधीक्षक अमित यादव भी मौजूद रहे। उपायुक्त ने कहा कि जिले में नशा और तस्करी को समाप्त करने के लिए अभियान को और प्रभावी बनाना प्राथमिकता है। जतिन लाल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का लक्ष्य नशा-मुक्त हिमाचल है। प्रदेश सरकार ने चिट्टे को जड़ से मिटाने की व्यापक मुहिम शुरू की है। इस दिशा में जनभागीदारी सबसे आवश्यक है।
डीसी जतिन लाल ने बताया कि जिले की सभी 245 पंचायतों में समितियां गठित की गई हैं, जिनमें से चिट्टे को लेकर चिन्हित जिले की 10 संवेदनशील पंचायतों पर विशेष फोकस किया गया है। गुरुवार को उन्हीं 10 पंचायतों की नशा निवारण समितियों के साथ बैठक कर उन्हें उनके दायित्वों से अवगत कराया गया। बैठक में उपायुक्त ने कहा कि समिति का प्रत्येक सदस्य अपने क्षेत्र को चिट्टा-मुक्त बनाने का व्यक्तिगत संकल्प ले। उन्होंने नशे से जुड़ी हर सूचना प्रशासन तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवाओं के व्यवहार में आने वाले बदलावों को समझना अत्यंत आवश्यक है और ऐसी हर सूचना जो नशे की दिशा में संकेत दे, उसकी जानकारी प्रशासन तक पहुंचाना प्रत्येक सदस्य का दायित्व है। उन्होंने कहा कि यह मत सोचें कि हम जानकारी क्यों दें, समाज के प्रति अपना दायित्व समझें, यह सबकी साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने दोहराया कि सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा और मामले में तुरंत पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिले में चिट्टे की सप्लाई–डिमांड चेन को तोड़ना सबसे अहम है, जिसके लिए समुदाय, युवाओं और परिवारों के बीच समितियों को निरंतर संवाद बनाए रखना होगा। उन्हें कहा कि समितियों को सरकार ने गंभीर जिम्मेदारी सौंपी है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पंचायतों में चिट्टे-नशे पर जागरूकता के लिए विशेष ग्राम सभाएं आयोजित की जाएंगी। जल्द ही इसके निर्देश जारी कर दिए जाएंगें। उनका एजेंडा नशा निवारण पर केंद्रित होगा। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि संवेदनशील पंचायतों की समितियां सप्ताह में एक बार अनिवार्य रूप से बैठक करें और इसकी सूचना दो दिन पूर्व एसडीएम के कार्यालय को भेजें, ताकि उपायुक्त और एसपी स्वयं भी समय–समय पर निरीक्षण कर सकें। एसडीएम मासिक समीक्षा करेंगे। समिति अध्यक्ष बैठक की कार्यवाही एसडीएम को भेजेंगे जबकि सदस्य सचिव (हेड कांस्टेबल) इसकी विस्तृत रिपोर्ट एसपी कार्यालय को उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा कि समितियां अपने क्षेत्र में नशे की स्थिति का आकलन, नियमित समीक्षा, नशा बेचने वालों व उपभोक्ताओं की पहचान, पुलिस–प्रशासन को त्वरित सूचना, स्कूलों व समुदाय में जागरूकता कार्यक्रम, प्रभावित परिवारों की सहायता और सामुदायिक एक्शन प्लान तैयार करने जैसे कार्यों पर फोकस करें।
समितियों में सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य अध्यक्ष बनाए गए हैं और क्षेत्र के पुलिस हेड कांस्टेबल सदस्य सचिव हैं। इनके साथ पंचायत सचिव, महिला मंडल/युवक मंडल प्रतिनिधि, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, वरिष्ठ नागरिक और ग्राम रोजगार सहायक सदस्य होंगे। पंचायत प्रधान, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और वार्ड सदस्य एक्स-ऑफिशियो सदस्य रहेंगे। आवश्यकता अनुसार समितियों का विस्तार भी किया जाएगा। जतिन लाल ने बताया कि हिमाचल सरकार ने चिट्टा तस्करी पर नकेल कसने के लिए इससे संबंधित सूचना देने वालों के लिए इनाम योजना लागू की है। सूचना पर पकड़े चिट्टे की मात्रा के अनुसार इनाम 10,000 से लेकर 10 लाख रुपये तक दिया जाएगा। बड़े गिरोह की सूचना देने पर 5 लाख रुपये से अधिक का पुरस्कार निर्धारित की गई है। नशे से जुड़ी किसी भी सूचना के लिए राज्य सरकार का आपातकालीन नंबर 112 जारी किया गया है।
बैठक में पुलिस अधीक्षक अमित यादव ने कहा कि समिति के हर सदस्य को अपने क्षेत्र में अत्यधिक सजग रहना होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों और युवाओं के व्यवहार में आने वाले बदलावों को अनदेखा न किया जाए। यदि किसी को कोई नाम, कोई सूचना, समिति की बैठक में बताने में संकोच हो तो सूचना व्यक्तिगत तौर पर सदस्य सचिव को दी जा सकती है । सूचना देने वाले का नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सप्लाई चेन पर सख्त वार किया जाएगा, परंतु जब तक डिमांड खत्म नहीं होती, नशे पर लगाम कठिन है। इसलिए रोकथाम, जागरूकता और काउंसलिंग नशे से लड़ाई का सबसे मजबूत हथियार है। उन्होंने कहा कि समितियां समुदाय स्तर पर लगातार जागरूकता, काउंसलिंग और मोटिवेशन कार्यक्रम चलाएं ताकि युवाओं को नशे की गिरफ्त में जाने से रोका जा सके। बैठक में एसडीएम ऊना अभिषेक मित्तल, एसडीएम हरोली विशाल शर्मा, एसडीएम गगरेट सौमिल गौतम, एसडीएम बंगाणा सोनू गोयल, सहायक आयुक्त वरिंद्र शर्मा, संबंधित विभागों के अधिकारी, चिन्हित संवेदनशील पंचायतों के जनप्रतिनिधि व नशा निवारण समितियों के सभी सदस्य उपस्थित रहे।