यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 26-08-2025
कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों और भ्रष्टाचार की बजह से राज्य से उद्योगों का पलायन हुआ है जिसे रोकने में मुख्यमंत्री नाकाम साबित हुए हैं। विधानसभा सत्र के दौरान अपने कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि बिजली की दरों में बेतहाशा बढ़ोतरी भी एक मुख्य कारण रहा है। जबकि जबरन उगाही करके भी उद्योगपति परेशान किये गए जिसका परिणाम यह है कि आज निवेश के बजाय उद्योगपति दूसरे राज्यों का रुख कर रहे हैं जो चिंताजनक बात है। पूर्व सरकार द्वारा प्रदेश में निवेश के लिए जो माहौल बनाया गया था वर्तमान सरकार द्वारा पूरी तरीके से बर्बाद कर दिया गया है। जिसका खामियाजा प्रदेश की आर्थिकी को उठाना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल विधानसभा के मॉनसून सत्र के 7 वें दिन प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक एवं पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने प्रदेश में नए उद्योग लगाने और उद्योगों के पलायन को लेकर सवाल पूछा था लेकिन उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से जो जवाब दिया गया, उससे भाजपा विधायक दल ने असंतुष्ट होकर सदन से वॉक आउट किया। बीजेपी विधायक दल ने मुख्यमंत्री पर सदन को बार बार गुमराह करने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उद्योगों को लेकर महत्वपूर्ण प्रश्न पूछा गया, जिसका जवाब उद्योग मंत्री नहीं दे पाए। प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार आई है, तब से या तो उद्योग बंद हो रहे हैं या फिर प्रदेश से पलायन कर रहे हैं। उद्योगों का हिमाचल की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है और रोजगार देने में भी योगदान है लेकिन यह सरकार उद्योगों को परेशान करने का काम कर रही है। सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है।
उद्योगों से उगाही की जा रही है, जिसके चलते यहां से उद्योग पलायन कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों और भ्रष्टाचार के कारण राज्य से उद्योग लगातार पलायन कर रहे हैं और बेरोजगारी तेज़ी से बढ़ रही है। जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि सत्ता में आने के बाद से उसने औद्योगिक क्षेत्र को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय राज्य को मेडिकल डिवाइस पार्क और बल्क ड्रग पार्क जैसी बड़ी परियोजनाएं मिली थीं, लेकिन मौजूदा सरकार उद्योग बचाने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में कोई बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हुआ। उल्टा, बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी के कारण उद्योग हिमाचल से बाहर जा रहे हैं। सरकार में बैठे लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और बड़े उद्योगपति यहां निवेश करने से डर रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस नेताओं के परिवार तक उगाही और दबाव डालने में लगे हुए हैं।
हमारे कार्यकाल में धर्मशाला में इन्वेस्टर मीट हुई जिसमें 703 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) के ज़रिए 96 हज़ार 721 करोड़ रुपये के निवेश पर सहमति बनी। पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 13 हज़ार 488 करोड़ की 236 परियोजनाएं हुई। जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित भाई शाह भी शामिल हुए थे। दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 28 हज़ार 197 करोड़ रुपये की 287 परियोजनाएं ज़मीन पर उतरी थी जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं शामिल हुए थे। हमने उद्योगों से हजारों बेरोजगारों को रोजगार दिया था जबकि यहां उद्योगपति डराकर बेरोजगारी बढ़ाई जा रही है।