लोकसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटा इलेक्शन कमीशन , जानिए कब होंगे चुनाव 

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर इलेक्शन कमीशन ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया। चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर जल्द ही तैयारियां शुरू की जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग बहुत जल्द केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रक्रिया शुरू करेगा। दरअसल, लोकसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले चुनाव आयोग ने आज एक प्रेस ब्रिफिंग की

Jun 3, 2024 - 19:24
Jun 3, 2024 - 19:27
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लोकसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटा इलेक्शन कमीशन , जानिए कब होंगे चुनाव 

न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली  03-06-2024
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर इलेक्शन कमीशन ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया। चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर जल्द ही तैयारियां शुरू की जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग बहुत जल्द केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रक्रिया शुरू करेगा। दरअसल, लोकसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले चुनाव आयोग ने आज एक प्रेस ब्रिफिंग की। 
इस दौरान राजीव कुमार से जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की प्लानिंग को लेकर सवाल पूछे गए। चुनाव आयोग प्रमुख ने बताया कि हम बहुत जल्द जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रक्रिया शुरू करेंगे। हम मतदाताओं के मतदान से बहुत उत्साहित हैं। जम्मू और कश्मीर में चार दशकों में सबसे अधिक मतदान हुआ जो कुल मिलाकर 58.58 प्रतिशत और घाटी में 51.05 प्रतिशत रहा। जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू-कश्मीर संसद के निचले सदन में जम्मू, उधमपुर, श्रीनगर, बारामुला और अनंतनाग-राजौरी से पांच सांसद है। 
2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहला चुनाव हुआ। मार्च में लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करते समय सीईसी से जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की योजना के बारे में पूछा गया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। जब उनसे पूछा गया कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ क्यों नहीं कराए जा रहे हैं? 
तो कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी दलों ने कहा कि विधानसभा चुनाव संसदीय चुनावों के साथ ही होने चाहिए, लेकिन पूरी प्रशासनिक मशीनरी ने कहा कि यह एक साथ नहीं हो सकता। हर विधानसभा क्षेत्र में 10-12 उम्मीदवार होंगे, जिसका मतलब है कि 1,000 से ज्यादा उम्मीदवार। हर उम्मीदवार को सुरक्षा बल मुहैया कराना होगा। इस समय यह संभव नहीं था।

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