1 जुलाई से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू, पुरानी धाराएं बदलीं

1 जुलाई से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। पुराने कानूनों की जगह अब भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने ले ली है। नए नियमों में पुलिस को किसी भी रेड और जब्ती के मामले में वीडियो रिकॉर्डिंग करना अनिवार्य

Jul 1, 2024 - 16:20
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1 जुलाई से देशभर में  तीन नए आपराधिक कानून लागू, पुरानी धाराएं बदलीं

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    01-07-2024

1 जुलाई से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। पुराने कानूनों की जगह अब भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने ले ली है। नए नियमों में पुलिस को किसी भी रेड और जब्ती के मामले में वीडियो रिकॉर्डिंग करना अनिवार्य कर दिया गया है। अब कोई भी व्यक्ति बिना थाने में जाए ई-एफआईआर करवा सकेंगे। 

पीड़ित व्यक्ति को एफआईआर दर्ज करवाने के लिए अधिकार क्षेत्र की बाध्यता को नए कानूनों में खत्म कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश में भारतीय न्याय संहिता के तहत पहली प्राथमिकी जिला मंडी के धनोटू पुलिस थाना में रात 1:58 पर अधीन धारा 126(2), 115(2),352, 351(2) के तहत दर्ज हुई है।

आरोप है कि घर के निकट रात 12:15 बजे खड्ड में अवैध खनन करने से रोकने पर माफिया की ओर से मारपीट की गई है। पीड़ित राकेश कुमार पुत्र कुशाल चंद निवासी गांव सेरी डाकघर चुनाहन तहसील बल्ह की ओर से मिली शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस ने पीड़ित का रात को ही नागरिक अस्पताल में मेडिकल भी कराया। 

जानकारी के अनुसार थाना में दी शिकायत में राकेश कुमार ने कहा है कि वह रविवार रात घर पर सोया हुआ था। रात करीब 12:15 बजे उसे घर के निकट शोर सुनाई दिया। जब वह मौके पर गया तो पाया कि उसके घर के साथ लगती खड्ड में कुछ लोग अवैध खनन कर रहे थे। इस पर उसने आपत्ति जताई कि खनन के कारण बरसात में उसके घर को नुकसान हो सकता है। 

लेकिन खनन कर रहे संजय कुमार गांव सेरी ने उसकी बात नहीं सुनी और गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी देने लगा। जब वह घर की तरफ जाने लगा तो आरोपी ने मारपीट की और उसे पत्थर से भी मारा। उधर, नए आपराधिक कानून के तहत सिरमौर में दूसरा मामला दर्ज होगा की सूचना है। 

भारतीय दंड संहिता में पहले इस मामले के अधीन धारा 341, 323, 504,506 के तहत मामला दर्ज होता था। भारतीय न्याय संहिता में अब यह मामला अधीन धारा 126(2), 115(2), 352 व 351(2) में दर्ज हुआ है। गौरतलब है कि भारतीय दंड संहिता में जहां 511 धाराएं थीं। अब 1 जुलाई से लागू हुई भारतीय न्याय संहिता में महज 358 ही धाराएं हैं।

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