गुरु की नगरी पांवटा साहिब में प्रवासी महिलाओं ने हर्षोल्लास से मनाया छठ पर्व

छठ पर्व की धूम पूरे देश में देखने को मिलती हे खास तौर पर देश के बिहार राज्य में यह पर्व खास तौर पर मनाया जाता है। बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल जाने वाले लोगों से ट्रेन फुल हो गयी है। छठ पर्व की जिला सिरमौर के सीमांत नगर पांवटा साहिब में भी धूम रहती है , पांवटा साहिब एक ऐसा नगर है जहां देश के विभिन्न भागों से आकर लोग बसे हुए हैं

Nov 17, 2023 - 19:32
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गुरु की नगरी पांवटा साहिब में प्रवासी महिलाओं ने हर्षोल्लास से मनाया छठ पर्व

यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब  17-11-2023
छठ पर्व की धूम पूरे देश में देखने को मिलती हे खास तौर पर देश के बिहार राज्य में यह पर्व खास तौर पर मनाया जाता है। बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल जाने वाले लोगों से ट्रेन फुल हो गयी है। छठ पर्व की जिला सिरमौर के सीमांत नगर पांवटा साहिब में भी धूम रहती है , पांवटा साहिब एक ऐसा नगर है जहां देश के विभिन्न भागों से आकर लोग बसे हुए हैं। अधिकांश लोग उत्तर प्रदेश और बिहार से यहां औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण कामकाज के सिलसिले में यहाँ आये हैं , जहाँ इस पर्व को माँ यमुना के किनारे सूर्य को अर्घ्य देकर किया जाता है। 
यही कारण है कि यहां छठ पर्व हर वर्ष बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बाजार में तो पर्व की रौनक रहती ही है। साथ ही पर्व वाले दिन यमुना घाट और बाता नदी के किनारे मेला लगता है, जिसमे हजारों की संख्या में लोग पर्व मनाने पहुंचे हैं। छठ पूजा का त्योहार इस बार आज 17 नवंबर से शुरू हो रहा है। इस साल छठ पूजा 19 नवंबर को होगी। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और इसी के साथ छठ पूजा का समापन व व्रत पारण किया जाएगा। छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है। इसके दूसरे दिन को खरना (Kharna) कहते हैं। 
इस दिन व्रती को पूरे दिन व्रत रखना होगा। शाम को व्रती महिलाएं खीर का प्रसाद बनाती हैं। छठ व्रत के तीसरे दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। इस दिन महिलाएं शाम के समय तालाब या नदी में जाकर सूर्य भगवान को अर्घ्य देती है। चौथे दिन सूर्य देव को जल देकर छठ पर्व का समापन किया जाता है। इस त्योहार को सबसे ज्यादा बिहार , झारखंड , पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में मनाया जाता है। साथ ही इसे नेपाल में भी मनाया जाता है। इस त्यौहार को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। छठ पूजा का पर्व संतान के लिए रखा जाता है। बड़ी बात यह है कि छठ में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है।

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