श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने बसाया की थी पांवटा नगर , बड़ी धूमधाम से मनाया गया स्थापना दिवस

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा पांवटा साहिब गुरुद्वारा में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया । गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरकार हरभजन सिंह, मैनेजर सरदार जागीर सिंह और कोषाध्यक्ष सरदार गुरमीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि यह तीन दिवसीय आयोजन में 14 नवंबर को अखंड पाठ साहिब के साथ कंठ गुरुवाणी प्रतियोगिता के साथ शुरू हुआ था

Nov 17, 2023 - 19:35
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श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने बसाया की थी पांवटा नगर , बड़ी धूमधाम से मनाया गया स्थापना दिवस

अंकिता नेगी - पांवटा साहिब  17-11-2023

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा पांवटा साहिब गुरुद्वारा में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया । गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरकार हरभजन सिंह, मैनेजर सरदार जागीर सिंह और कोषाध्यक्ष सरदार गुरमीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि यह तीन दिवसीय आयोजन में 14 नवंबर को अखंड पाठ साहिब के साथ कंठ गुरुवाणी प्रतियोगिता के साथ शुरू हुआ था जो देर रात को समाप्त हुआ है। गुरु गोबिंद सिंह का यमुना नदी के तट पर बसाया नगर पांवटा साहिब इतिहास की कई महान घटनाओं को संजोए हुए है। 
एक तरफ जहां सिख धर्म के इतिहास में विशेष स्थान रखता है, तो दूसरी तरफ सिखों के गौरवमयी इतिहास की यादों को ताजा करता है। इस धरती पर पांवटा साहिब ही एक ऐसा नगर है , जिसका नामकरण स्वयं गुरु गोबिंद सिंह ने किया है। इतिहास में लिखा है कि गुरु गोबिंद सिंह 17 वैशाख संवत 1742 को 1685 ई. को नाहन पहुंचे तथा संक्रांति 1742 संवत को पांवटा साहिब की नींव रखी। उन्होंने बताया कि गुरु गोबिंद सिंह साढ़े 4 साल तक पांवटा साहिब में रहे। इस दौरान उन्होंने यहां रहकर बहुत से साहित्य तथा गुरुवाणी की रचनाएँ भी की है।
 प्राचीन साहित्य का अनुभव और ज्ञान से भरी रचनाओं को सरल भाषा में बदलने का काम भी गुरु गोबिंद सिंह ने लेखकों से करवाया। गुरु गोबिंद सिंह ने यहां पर एक कवि दरबार की  स्थापना की। जिसमें 52 भाषाओं के भिन्न-भिन्न कवि थे। कवि दरबार स्थान पर गुरु गोबिंद सिंह पूर्णमासी की रात को एक विशेष कवि दरबार भी सजाया जाता था। वही ऐतिहासिक गुरुद्वारा के सेवादार गुरदीप सिंह ने बताया कि तीन दिवसीय आयोजन में यहां पर कई प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें जिले भर से प्रतिभागियों ने भाग लिया। 
इस अवसर पर गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब में गुरु इतिहास और गुरुवाणी कंठ मुकाबले भी आयोजित किए गए। विभिन्न श्रेणियों में आयोजित इन मुकाबलों में अव्वल रहने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। परिणाम में प्रथम श्रेणी में मनरूप सिंह पुत्र गुरदीप सिंह ने पहला , हरमन सिंह पुत्र सुखविंदर सिंह ने दूसरा और गुरतेज सिंह पुत्र इंद्रजीत सिंह ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

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