जांच में खुलासा : बाहरी राज्यों के 100 अभ्यर्थियों ने फर्जी प्रमाणपत्र से डाक विभाग में पाई नौकरी

हिमाचल प्रदेश में डाक विभाग में फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी हासिल करने के घोटाले की जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) शिमला की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की टीम ने भी शुरू की

Jan 6, 2024 - 13:07
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जांच में खुलासा : बाहरी राज्यों के 100 अभ्यर्थियों ने फर्जी प्रमाणपत्र से डाक विभाग में पाई नौकरी

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     06-01-2024

हिमाचल प्रदेश में डाक विभाग में फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी हासिल करने के घोटाले की जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) शिमला की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की टीम ने भी शुरू की है। 

अभी तक प्रदेश के विभिन्न जिलों की पुलिस मामले की जांच कर रही थी, लेकिन फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हासिल करने का आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ने के बाद जांच के लिए अब सीबीआई की मदद भी ली गई है। 

सीबीआई की जांच के मुताबिक बाहरी राज्य से 100 से ज्यादा युवाओं ने प्रदेश के अलग-अलग डाकघरों में फर्जी सर्टिफिकेट तैयार कर नौकरी हासिल की है। सीबीआई को दिसंबर के आखिरी हफ्ते में जांच का जिम्मा सौंपा गया था। ब्यूरो का मानना है कि यह भर्ती का एक बड़ा घोटाला है।

सीबीआई शिमला की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को डाक विभाग ने हमीरपुर के दो मामले सौंपे है। सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने गुरुवार को पंजाब, बिहार और हरियाणा में दबिश दी। टीम ने आरोपी कुंदन कुमार पुत्र भरत शाह निवासी चंदन पट्टी, थाना सकरा, जिला मुजफ्फरपुर के घर से दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। 

आरोपी कुंदन के लुधियाना के घर में भी दबिश दी है। दूसरे आरोपी सनी पुत्र श्रीनिवास, रोहतक निवासी के घर भी दबिश दी है। दोनों मामले में दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। गौरतलब है कि डाक विभाग में भर्ती प्रक्रिया में आरोपी कुंदन की बिलासपुर के उप डाकघर स्वारघाट के जामली शाखा में 2021 में नियुक्ति हुई थी। 

जबकि, 2022-23 में आरोपी सनी की नियुक्ति भी बिलासपुर के लेहड़ी सरायल डाकघर में हुई थी। मामला उजागर होने के बाद दोनों अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद्द कर दी थी। 

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