यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 12-10-2023
हिमाचल प्रदेश भाजपा प्रदेश प्रवक्ता चेतन बरागटा ने कहा है कि बेरोजगारी को लेकर पुरे भारत का एक सर्वे हाल ही में पीएलएफएस के माध्यम से देश की जनता के सामने आया। जिस सर्वे में भारत में बेरोजगारी की दर पिछले 6 वर्षो में सबसे कम आंकी गई। जुलाई 2022 से लेकर जून 2023 तक भारत की बेरोजगारी दर मात्र 3.2 प्रतिशत रही। वित्त वर्ष 2023 में आईएमएफ की रिपोर्ट की मुताबिक पुरे विश्व में भारत की विकास दर लगभग 6.3 प्रतिशत आंकी गई,जो कि वित्त वर्ष 2024 में भी औसतन इतनी ही रहेगी। अप्रैल 2023 से लेकर जून 2023 तक एक तिमाही में शहरी बेरोजगारी दर पूरे भारत में सर्वाधिक हिमाचल प्रदेश में बढ़कर 14 प्रतिशत हुई है , जबकि पूरे भारत की शहरी बेरोजगारी दर लगभग 6.6 प्रतिशत है।
चेतन बरागटा ने कहा कि ये साफ दिखलाता है कि केंद्र की मोदी सरकार की इकोनॉमिक्स को लेकर जो पॉलिसी और मेनेजमेंट है वो चाहे माइक्रो हो चाहे मैक्रो उसके अच्छे परिणाम आने लगे है। मोदी के नेतृत्व में भारत ने बेरोजगारी का सबसे निचला स्तर प्राप्त किया है। मोदी सरकार ने भारत में बेरोजगारी दर को कम करने का प्रयास किया है , लेकिन हिमाचल सरकार इसके बिल्कुल विपरीत कार्य कर रही है। हिमाचल कांग्रेस और प्रियंका गांधी ने प्रदेश की जनता से विधानसभा चुनाव के दौरान वादा किया था कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनते ही पहली कैबिनेट बैठक में एक लाख नौकरी देने का फैसला होगा और पाँच साल में पाँच लाख युवाओं को रोजगार देगें। इस सरकार का दस महीने का कार्यकाल पूर्ण होने पर भी इस दिशा में अभी तक कोई प्रयास नहीं हुआ है।
एक लाख युवाओं को रोजगार देना तो छोड़िए, इस सरकार ने इसके उल्ट अनुबंध कर्मचारियों को ही नौकरी से निकाल दिया। जिन युवाओं ने नौकरी के लिए परीक्षाएं दी है उनके अभी तक रिज़ल्ट तक घोषित नहीं किए है। मोदी सरकार लगातार युवाओं के उत्थान के लिए कार्य कर रही है वही दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश सरकार ने युवाओं को ठगने का काम किया है।