प्रदेश भर में सोलन ने एक बार फिर ग्रीन स्कूल में पाया पहला स्थान 

प्रदेश भर में सोलन ने फिर एक बार ग्रीन स्कूल में पहला स्थान प्राप्त किया है। शिमला दूसरे और बिलासपुर तीसरे स्थान पर रहा है। विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट) नई दिल्ली की ओर से वर्ष 2024-25 के लिए यह प्रमाणिता जारी

Jan 17, 2025 - 13:59
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प्रदेश भर में सोलन ने एक बार फिर ग्रीन स्कूल में पाया पहला स्थान 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     17-01-2025

प्रदेश भर में सोलन ने फिर एक बार ग्रीन स्कूल में पहला स्थान प्राप्त किया है। शिमला दूसरे और बिलासपुर तीसरे स्थान पर रहा है। विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट) नई दिल्ली की ओर से वर्ष 2024-25 के लिए यह प्रमाणिता जारी की है। सोलन 11 स्कूल ग्रीन श्रेणी में प्रमाणित किए गए हैं। प्रदेश भर से 1,322 स्कूलों ने ग्रीन स्कूल के लिए अपना पंजीकरण किया था।

उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा सोलन मोहिंद्र चंद पिरटा ने बताया कि सोलन से 300 स्कूलों ने ग्रीन स्कूल के पंजीकरण किया था। जबकि 101 स्कूलों ने जीएसपी वेबसाइट पर अपलोड किए गए थे। इसमें से विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र की ओर से पर्यावरण ऑडिट के आधार पर सोलन के 11 और शिमला के 6 स्कूलों को ग्रीन श्रेणी में प्रमाणित किया गया है। 

राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नालागढ़, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मंझोली, बघेरी, भाटिया, बोहली, राजकीय उच्च विद्यालय कनाह, केंद्रीय विद्यालय एयर फोर्स स्टेशन कसौली, पाइनग्रोव स्कूल धर्मपुर, इंटरनेशनल स्कूल कसौली, शिवालिक वैली स्कूल नालागढ़ और राजकीय प्राथमिक पाठशाला जलाणा ग्रीन श्रेणी में शामिल किए गए हैं।

ग्रीन श्रेणी में सम्मिलित स्कूलों के प्रधानाचार्य, मुख्याध्यापक, अध्यापक और दो स्कूली बच्चों को 4 फरवरी को इंडिया हैबिटेट सेंटर लोधी रोड में सम्मानित किया जाएगा। दिसंबर में प्रदेश के सभी स्कूलों का विवरण दिया गया था जिसमें जिला सोलन से 101 स्कूलों की रिपोर्ट अपलोड की गई थी। ग्रीन श्रेणी चयन के लिए इन स्कूलों के प्रोजेक्टों को बेहतर काम करने के आधार पर ऑरेंज, येलो और ग्रीन प्रमाण दिए जाते हैं। 

उप निदेशक उच्च शिक्षा गोपाल चौहान, उप जिला शिक्षा अधिकारी राज कुमार पराशर और जिला विज्ञान पर्यवेक्षक अमरीश शर्मा ने ग्रीन श्रेणी में चयनित स्कूलों को बधाई दी। ग्रीन स्कूल के लिए प्रदेश भर से 1322 स्कूलों ने ऑनलाइन पंजीकरण किया था, लेकिन इसमें सिर्फ 291 स्कूलों ने ही अपने प्रोजेक्ट को अपलोड किया है। जिसके आधार पर स्कूलों का ऑडिट किया गया है।

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