प्रदेश हाईकोर्ट ने गिरिपार क्षेत्र के हाटियों को जनजातीय का दर्जा देने से जुड़े कानून पर लगाई रोक
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र के हाटियों को जनजातीय का दर्जा देने से जुड़े कानून के अमल पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने प्रदेश के जनजातीय विकास विभाग के 1 जनवरी 2024 को जारी उस पत्र पर भी रोक लगा दी
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 04-01-2024
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र के हाटियों को जनजातीय का दर्जा देने से जुड़े कानून के अमल पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने प्रदेश के जनजातीय विकास विभाग के 1 जनवरी 2024 को जारी उस पत्र पर भी रोक लगा दी है, जिसके तहत क्षेत्र के लोगों को जनजातीय प्रमाण पत्र जारी करने के लिए उपायुक्त सिरमौर को आदेश जारी किए गए थे।
मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अंतरिम आदेश में स्पष्ट किया कि जब केंद्र सरकार पहले ही इस मुद्दे को तीन बार नकार चुकी थी तो इसमें कानूनी तौर पर ऐसा क्या रह गया था कि केंद्र को गिरिपार के लोगों को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के लिए कानून बनाना पड़ा।
कोर्ट ने कानूनी तौर पर जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देने को प्रथम दृष्टया वाजिब नहीं पाया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिना जनसंख्या सर्वेक्षण के ही उक्त क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित किया गया। अलग-अलग याचिकाओं में दलील दी गई है कि वे पहले से ही अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं।
प्रदेश में कोई भी हाटी जनजाति नहीं है और आरक्षण का अधिकार हाटी के नाम पर उच्च जाति के लोगों को भी दे दिया गया जो कि कानूनी तौर पर गलत है। किसी भी भौगोलिक क्षेत्र को किसी समुदाय के नाम पर तब तक अनुसूचित जनजाति घोषित नहीं किया जा सकता जब तक वह मानदंड पूरा नहीं करता हो।
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