भारत सरकार के केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान द्वारा भेड़ की नई किस्म की जा रही तैयार
अब भारत सरकार के केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान द्वारा भेड़ की नई किस्म भी तैयार की जा रही है, ताकि उसके माध्यम से पशुपालकों को फायदा मिल सके। ऐसे में केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान द्वारा एक उत्तम किस्म की अविशान नाम की भेड़ की नस्ल को तैयार
यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू 01-03-2024
अब भारत सरकार के केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान द्वारा भेड़ की नई किस्म भी तैयार की जा रही है, ताकि उसके माध्यम से पशुपालकों को फायदा मिल सके। ऐसे में केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान द्वारा एक उत्तम किस्म की अविशान नाम की भेड़ की नस्ल को तैयार किया गया है।
जिससे देश भर के भेड़पालकों को काफी फायदा आने वाले समय में पहुंचने वाला है। इसी तर्ज पर पशुपालन केंद्र की ओर से हिमाचल को भी आने वाले समय में लाभ मिल सकेगा। केंद्रीय भेड़ अनुसंधान संस्थान के द्वारा भारत में कृषि के साथ-साथ पशुपालन के माध्यम से भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपनी इनकम को मजबूत कर रहे हैं।
गाय-भैंस के साथ भेड़-बकरी का पालन भी कर रहे हैं। ऐसे में भारत सरकार के द्वारा भी पशुपालन के माध्यम से लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है और पशुओं की नई-नई उन्नत किस्म के माध्यम से भी पशुपालकों को इसका लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
संस्थान के अधिकारियों की मानें तो इस शीप से बच्चों की वृद्धि दर 30 प्रतिशत अधिक है। अविशान शीप की एक साथ तीन से चार बच्चे पैदा करने के साथ-साथ दूसरी खासियत यह भी है कि इससे 40 प्रतिशत अधिक ऊन और मांस भी उपलब्ध होता है। जबकि यह दूसरी शीप से 200 ग्राम अधिक दूध देती है। ऐसे में इसको पालने से किसान और पशुपालकों की दो से तीन गुणा अधिक आय होगी।
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