सुप्रीम कोर्ट की हिमाचल सरकार को फटकार के साथ लगाया 25 हजार रुपये जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील दायर करने पर कड़ी अस्वीकृति जताई है , जिसमें एक व्यक्ति की संपत्ति को निष्क्रांत संपत्ति घोषित करने के राज्य के निर्णय को रद्द कर दिया गया था। राज्य इस तथ्य से भली भांति अवगत था कि संपत्ति का मालिक कभी पाकिस्तान नहीं गया और 1983 में भारत में ही उसकी मृत्यु

Jul 23, 2023 - 19:27
 0  53
सुप्रीम कोर्ट की हिमाचल सरकार को फटकार के साथ लगाया 25 हजार रुपये जुर्माना

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  23-07-2023

सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील दायर करने पर कड़ी अस्वीकृति जताई है , जिसमें एक व्यक्ति की संपत्ति को निष्क्रांत संपत्ति घोषित करने के राज्य के निर्णय को रद्द कर दिया गया था। राज्य इस तथ्य से भली भांति अवगत था कि संपत्ति का मालिक कभी पाकिस्तान नहीं गया और 1983 में भारत में ही उसकी मृत्यु हुई थी। निष्क्रांत संपत्ति शब्द का उपयोग विभाजन के दौरान पाकिस्तान चले गए लोगों द्वारा छोड़ी गई संपत्ति को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। 

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने राज्य सरकार पर 25 हजार रुपये के जुर्माने के साथ अपील को खारिज कर दिया। जुर्माने का भुगतान हाईकोर्ट के समक्ष रिट याचिकाकर्ताओं को किया जाएगा। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि स्वीकृत स्थिति के बावजूद कि उस व्यक्ति (संपति मालिक) ने कभी भारत नहीं छोड़ा और अतिरिक्त महाधिवक्ता द्वारा दिए गए तथ्यों के बावजूद, राज्य ने एकल न्यायाधीश और खंडपीठ के आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने का विकल्प चुना है। 

राज्य की इस कार्रवाई की निंदा की जानी चाहिए। याचिका में राज्य सरकार ने तर्क दिया था कि सुल्तान मोहम्मद की संपत्ति निष्क्रांत संपत्ति प्रशासन अधिनियम, 1950 की धारा 2 (एफ) के अर्थ के तहत एक निष्क्रांत संपत्ति है क्योंकि उक्त व्यक्ति 1950 अधिनियम की धारा 2 के खंड (डी) के अर्थ के अंतर्गत एक निष्क्रांत व्यक्ति था। 

एकलपीठ के फैसले पर गौर करने के बाद पीठ ने कहा, हमने पाया है कि न्यायाधीश ने माना है कि राज्य ने अपने जवाब में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया था कि सुल्तान मोहम्मद कभी पाकिस्तान नहीं गया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि एकल न्यायाधीश ने यह माना था कि सुल्तान मोहम्मद की संपत्ति को निष्क्रांत संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता था और इसलिए उसकी संपत्ति को निष्क्रांत संपत्ति घोषित करने की कार्रवाई को रद्द कर दिया गया था।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow