करोड़ों रुपये के ऋण घोटाले में व्यावसाई और केसीसीबी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसवीएंडएसीबी) ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 420, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं 13 (1) (ए)/13 (2) के तहत अपने ऊना पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की है। एसवीएंडएसी ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह मामला मेसर्स हिमालय स्नो विलेज और मेसर्स होटल लेक पैलेस के मालिकों के साथ-साथ कांगड़ा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (केसीसीबी) के अधिकारियों और कर्मचारियों पर लक्षित है

Jan 8, 2025 - 19:12
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करोड़ों रुपये के ऋण घोटाले में व्यावसाई और केसीसीबी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  08-01-2025

राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसवीएंडएसीबी) ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 420, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं 13 (1) (ए)/13 (2) के तहत अपने ऊना पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की है। एसवीएंडएसी ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह मामला मेसर्स हिमालय स्नो विलेज और मेसर्स होटल लेक पैलेस के मालिकों के साथ-साथ कांगड़ा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (केसीसीबी) के अधिकारियों और कर्मचारियों पर लक्षित है। 
उन्होंने कहा कि यह मामला हिमाचल प्रदेश सरकार के सचिव (सहकारिता) की शिकायत के आधार पर शुरू की गई जांच के बाद दर्ज किया गया है, जिसके साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए के तहत अपेक्षित मंजूरी भी ली गई है। आरोप है कि आरोपियों ने केसीसीबी से 20 करोड़ रुपये के कई लोन लिए। ऐसा करते समय बैंक अधिकारियों ने कथित तौर पर स्थापित ऋण नीतियों के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों की अनदेखी की।
सतर्कता अधिकारी ने बताया कि वितरित किए गए फंड सीधे उधारकर्ता को जारी किए गए, जिससे कदाचार का संदेह और बढ़ गया। एसवीएंडएसीबी ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है, जिसका उद्देश्य कथित अनियमितताओं की पूरी सीमा को उजागर करना और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराना है।

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