मिसाल : मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार गोकुल बुटेल सरकार से अपने काम का नहीं लेंगे वेतन
मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार आईटी की जिम्मेदारी देख रहे युवा नेता गोकुल बुटेल ने एक बड़ी मिसाल पेश की है। गोकुल सरकार से अपने काम की एवज में वेतन नहीं लेंगे। उन्होंने इस साल दिसंबर महीने तक वेतन नहीं लेने का निर्णय लिया
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 25-08-2024
मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार आईटी की जिम्मेदारी देख रहे युवा नेता गोकुल बुटेल ने एक बड़ी मिसाल पेश की है। गोकुल सरकार से अपने काम की एवज में वेतन नहीं लेंगे। उन्होंने इस साल दिसंबर महीने तक वेतन नहीं लेने का निर्णय लिया है। अपने फैसले के अनुरूप गोकुल बुटेल ने मासिक अढ़ाई लाख रुपए की सैलरी छोड़ दी है और इसके बदले में वह केवल एक रुपया मानदेय लेंगे।
अपने इस निर्णय को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखा था, जिस पर सामान्य प्रशासन विभाग ने शनिवार को आदेश जारी कर दिए गए हैं। अब गोकुल बुटेल को अढ़ाई लाख रुपए नहीं, बल्कि टोकन के रूप में मासिक एक रुपया मानदेय दिया जाएगा। उनके पास सरकार में कैबिनेट रैंक है।
हालांकि इसकी आधिकारिक सूचना आज आनी है, परंतु गोकुल दिसंबर 2023 से ही वेतन नहीं ले रहे हैं। राजनीति में इस तरह की मिसाल बहुत कम देखने को मिलती है। कोई-कोई नेता होते हैं, जो अपनी कमाई को सामाजिक हितों के लिए छोड़ देते हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी आपदा के समय में 51 लाख रुपए की राशि अपने खुद के खाते से दी थी और उससे पहले भी वह कोरोना में ऐसी मिसाल पेश कर चुके हैं।
उन्हीं पदचिन्हों पर चलते हुए गोकुल बुटेल ने अब अपना वेतन छोड़ दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और कठिन वित्तीय हालातों से राज्य सरकार गुजर रही है। ऐसे में वह चाहते हैं कि सरकार से उन्हें मिलने वाला मासिक वेतन वह न लें। लिहाजा वह दिसंबर महीने तक सैलरी नहीं लेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सामने चुनौतीपूर्ण समय है और ऐसे समय में वह अपनी ओर से मदद करना चाहते हैं। उन्होंने कहा है कि वह मुख्यमंत्री की टीम के समर्पित सदस्य हैं और मुख्यमंत्री से प्रेरणा लेते हुए इस तरह का निर्णय ले रहे हैं, जिन्होंने अपनी जीवन भर की पूंजी डोनेट कर दी थी।
गोकुल बुटेल ने इन आरोपों पर प्रहार किया है। उनके इस कदम से समाज में एक बदलाव की उम्मीद है। यहां बताना जरूरी है कि प्रदेश पर लगभग 85 हजार करोड़ रुपए का कर्जा हो चुका है और सरकार कठिन वित्तीय हालातों से गुजरी रही है। इस पर आपदा भी प्रदेश सरकार का पीछा नहीं छोड़ रही है, वहीं कर्मचारियों की करोड़ों रुपए की देनदारी है।
करीब सवा लाख रुपए हिमाचल के प्रत्येक व्यक्ति पर कर्ज के रूप में है, ऐसे में गोकुल बुटेल ने सरकार की मदद का बड़ा संदेश दिया है। इस तरह से यदि उच्च पदों पर बैठे लोगों का त्याग सामने आएगा, तो समाज में बड़ा बदलाव हो सकता है। बता दें कि गोकुल बुटेल कांग्रेस पार्टी के भी समर्पित नेता हैं और राष्ट्रीय स्तर पर राहुल गांधी की टीम का हिस्सा माने जाते हैं।
गोकुल बुटेल ने जो मिसाल पेश की है, उसकी प्रदेश के हर क्षेत्र में चर्चा है। प्रदेशवासियों का मानना है कि गोकुल ने काम किया है उसका अनुसरण हर विधायक, मंत्री और नेता प्रतिपक्ष को भी करना चाहिए। उक्त सभी लोग भी अपने मासिक वेतन-भत्तों का त्याग कर प्रदेश के प्रति अपने समर्पण का कोई दस्तावेज दें।
बोर्ड, निगमों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी गोकुल का अनुसरण करें। यह समय सरकार को कोसने का नहीं है और अगर विपक्ष सचमुच ही संजीदा है तो दूसरी पहल वह कर के दिखाए, ताकि सरकार के लोगों पर भी दबाव बने।
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