शोध : क्षय रोग के लिए कारगर सिद्ध हो रही जड़ी बूटियां , रबड़ प्लांट, कढ़ी पत्ता , बसूटी समेत नीम के बेहतर परिणाम 

हिमाचल प्रदेश में पाए जाने वाले औषधीय पौधे किसी संजीवनी से कम नहीं है। प्रदेश में पाए जाने वाले रबड़ प्लांट, कढ़ी पत्ता, बसूती, नीम के पौधे क्षय रोगियों के लिए संजीवनी का काम करते हैं। पौधों को लगाने से न केवल वायु की गुणवत्ता में सुधार हुआ, बल्कि क्षय रोगियों फेफड़ों पर भी असर नजर आया है। इससे रोगियों की स्थिति छह महीने में ठीक हुई है। इसका खुलासा एक शोध में हुआ है।

Dec 8, 2023 - 12:27
Dec 8, 2023 - 12:42
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शोध : क्षय रोग के लिए कारगर सिद्ध हो रही जड़ी बूटियां , रबड़ प्लांट, कढ़ी पत्ता , बसूटी समेत नीम के बेहतर परिणाम 

यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन  08-12-2023
हिमाचल प्रदेश में पाए जाने वाले औषधीय पौधे किसी संजीवनी से कम नहीं है। प्रदेश में पाए जाने वाले रबड़ प्लांट, कढ़ी पत्ता, बसूती, नीम के पौधे क्षय रोगियों के लिए संजीवनी का काम करते हैं। पौधों को लगाने से न केवल वायु की गुणवत्ता में सुधार हुआ, बल्कि क्षय रोगियों फेफड़ों पर भी असर नजर आया है। इससे रोगियों की स्थिति छह महीने में ठीक हुई है। इसका खुलासा एक शोध में हुआ है। शोध जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. एके सिंह ने किया है। 
शोध में पता चला है कि आबोहवा को ठीक करने के लिए कई स्पेशल पौधे सार्थक साबित हो रहे हैं और टीबी जैसी खतरनाक बीमारी को खत्म किया जा सकता है। देश-प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए दवाओं के साथ ही इन पौधे को रोपकर भी ठीक किया जा सकता है। इससे मरीज जल्दी स्वस्थ हो रहे है। शोध के लिए 30 गांवों में क्षय रोगियों का आधारभूत ढांचा तैयार किया गया है। शोध के दौरान टीबी रोगी के घर, आसपास पौधे लगा छह माह बाद जांच की गई। 
 
शोध को पेरिस में भी सराहा गया है। साथ ही शोध को (अकादमी कॉन्फ्रेंस नेटवर्क) एएनसी में भी स्थान मिला है। शोध में खुलासा हुआ है कि यदि देश को टीबी मुक्त बनाना है तो कूड़ा-पराली को भी जलाना बंद करना होगा। एलपीजी का प्रयोग करना होगा ताकि फेफड़े ठीक रहें। शोध शुरू होने के छह माह बाद जांच स्पायरोमेट्री से की गई है, इसमें सही आंकड़े सामने आए। 
 
इंडोर पौधे जैसे एलोवेरा , स्पाइडर प्लांट , स्नेक प्लांट , बैंबू पाम , एरेका पाम , रेफीज पाम , चांदनी , चाइनीज सदाबहार , गोल्डन पोथोस फिलोडेनड्रोन , रबड़ प्लांट, कढ़ी पत्ता , बसूती, रोजमेरी, गरब्राजड़ी, गुल्दाउदी, इंग्लिश आईवीवाई और पीसलीली हैं। आउटडोर प्लांट में जेट्रोफा , पीपल, बरगद, जामुन, कचनार, अमलतास, आंवला, नीम, चमेली और रात की रानी शामिल हैं। 
 
जिला कार्यक्रम अधिकारी (स्वास्थ्य) सोलन डॉ. एके सिंह ने बताया कि क्षय रोग मुक्त देश और प्रदेश बनाने के लिए दवाओं के साथ-साथ इंडोर और आउटडोर पौधे सार्थक साबित होंगे। शोध के दौरान क्षय रोगी के घर में जांच की गई और बेहतर परिणाम सामने आए हैं। लोगों से आग्रह है कि पौधों को अपने घर के आसपास लगाकर वायु की गुणवत्ता में सुधार लाएं।

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