प्रदेश के पशुपालकों से प्रतिदिन 2.32 लाख लीटर दूध खरीदकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर रही सरकार 

हिमाचल प्रदेश ने देश में पहली बार दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। प्रदेश के पशुपालकों से प्रतिदिन 2.32 लाख लीटर दूध खरीदा जा रहा

Jun 9, 2025 - 13:18
Jun 9, 2025 - 13:24
 0  7
प्रदेश के पशुपालकों से प्रतिदिन 2.32 लाख लीटर दूध खरीदकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर रही सरकार 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    09--06-2025

हिमाचल प्रदेश ने देश में पहली बार दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। प्रदेश के पशुपालकों से प्रतिदिन 2.32 लाख लीटर दूध खरीदा जा रहा है। 

वहीं, सहकारी संस्थाओं को छह करोड़ रुपये वार्षिक सहायता देकर सरकार ने न केवल किसानों की आय में वृद्धि की है, बल्कि ग्रामीण सशक्तिकरण और समृद्धि की एक नई मिसाल कायम की है। यह पहल राज्य सरकार की ग्रामीण विकास के प्रति प्रतिबद्धता और सतत् प्रगति का प्रतीक है। पिछले अढ़ाई वर्षों में सरकार ने दूध उत्पादकों को सशक्त बनाने और सहकारी संस्थाओं को मजबूत करने तथा ग्रामीण अर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए अनेक पहल की है। 

वर्तमान में सरकार लगभग 38,400 पशुपालकों से रोजाना औसतन 2.25 लाख लीटर गाय का दूध खरीद रही है, जिसे गुणवत्ता के आधार पर 51 रुपये प्रति लीटर के समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। इसके अतिरिक्त लगभग 1,482 भैंस पालकों से प्रतिदिन 7,800 लीटर दूध खरीदा जा रहा है, जिसे 61 रुपये प्रति लीटर के समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है।

ये दाम पशुपालकों को स्थिर और सुनिश्चित आय प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। राज्य सरकार दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों में दूध आपूर्ति की चुनौती को देखते हुए पशुपालकों को दो रुपए प्रति लीटर का परिवहन भत्ता प्रदान कर रही है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘हिम गंगा’ ग्रामीण स्तर पर डेयरी उत्पादन में बड़ा बदलाव आया है। 

इस योजना के अंतर्गत हमीरपुर और कांगड़ा जिला में 268 नई दुग्ध सहकारी समितियां बनाई गई है, इनमें से हमीरपुर में 11 और कांगड़ा में 99 समितियां पंजीकृत हो चुकी हैं। हमीरपुर की 46 समितियों में से 20 महिला समितियों का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। कांगड़ा जिला में कुल 222 सहकारी समितियां स्थापित की जा चुकी हैं। 

जिनसे 5,166 किसान जुडक़र संगठित तौर पर दुग्ध उत्पादन और बिक्री सुनिश्चित कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने बकरी के दूध खरीद के लिए भी एक पॉयलट परियोजना आरंभ की है, जिसके तहत बकरी पालकों से प्रतिदिन लगभग 100 लीटर दूध 70 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow