जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को विधानसभा के अंदर जमकर घेरा, मणिमहेश यात्रा में सरकार द्वारा आंकड़ों को छुपाने के आरोप

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को विधानसभा के अंदर जमकर घेरा और मणिमहेश यात्रा में सरकार द्वारा आंकड़ों को छुपाने के आरोप लगाए। उन्होंने सदन में कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा मणिमहेश श्रद्धालुओं के आंकड़े अलग-अलग दिए जा रहे

Sep 1, 2025 - 19:15
Sep 1, 2025 - 19:40
 0  13
जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को विधानसभा के अंदर जमकर घेरा, मणिमहेश यात्रा में सरकार द्वारा आंकड़ों को छुपाने के आरोप

आपदा की वजह से प्रदेश के कई क्षेत्र कटे, परीक्षा समेत अन्य महत्वपूर्ण तिथियों को आगे बढ़ाए सरकार 

यंगवार्ता न्यूज़ -  शिमला    01-09-2025

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को विधानसभा के अंदर जमकर घेरा और मणिमहेश यात्रा में सरकार द्वारा आंकड़ों को छुपाने के आरोप लगाए। उन्होंने सदन में कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा मणिमहेश श्रद्धालुओं के आंकड़े अलग-अलग दिए जा रहे हैं। 28 अगस्त को जब हमने सदन के माध्यम से सरकार को अवगत कराया कि वहां पर 10 हजार से ज्यादा लोग फंसे हैं तो उप मुख्यमंत्री ने हम पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। 

आज विधानसभा के अंदर मुख्यमंत्री बता रहे हैं कि 10 हजार लोगों को निकाल लिया गया है और 5 हजार लोग अभी भी फंसे हुए हैं। इस हिसाब से मणि महेश यात्रा के 15 हजार श्रद्धालु 28 अगस्त को मणिमहेश यात्रा के दायरे में आने वाले क्षेत्रों में फंसे हुए थे। 

नेता प्रतिपक्ष ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सरकार कहीं भी सच बोलने को तैयार नहीं है। ऐसे में सरकार की किस बात पर भरोसा किया जाए यह हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती है। सरकार श्रद्धालुओं के ध्यान रखने की बात करती है और श्रद्धालु मीडिया के कैमरे के सामने खुलेआम सरकार के इंतजामों के दावों की धज्जियां उड़ाते हैं। 

लोग 40–40 किलोमीटर पैदल चलकर आपदा प्रभावित क्षेत्र से बाहर निकल रहे हैं और सरकार द्वारा किसी भी प्रकार के इंतजाम न करने के आरोप लगा रहे हैं। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की सुविधा मिली ही नहीं तो सरकार ने इंतजाम किसके लिए किया, कहां किया? श्रद्धालुओं द्वारा जो कहा गया उससे साफ है कि आम आदमियों द्वारा लगाए गए लंगर ही आपदा के समय लोगों का सहारा बने जिनसे सरकार ने ग्रीन सैस के नाम पर हजारों रुपए वसूले हैं। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब पूरा प्रदेश आपदा के साए में था, मणिमहेश में लोग फंसे हुए थे, विधानसभा सत्र चल रहा था, उस समय मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश में थे ही नहीं। बिहार की चुनावी यात्रा में व्यस्त थे। जब विपक्ष मणिमहेश के वास्तविक हालात सदन के सामने रख रहा था तो उपमुख्यमंत्री हम पर तथ्य को तोड़ मरोड़ कर रखने का आरोप लगा रहे थे। 

प्रभावितों की स्थिति पर भी सरकार राजनीति करती है। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हमने श्रद्धालुओं को निकाला, लेकिन सच बात यह है कि सरकार ने वायु सेना के हेलीकॉप्टर के लिए रिक्विजिशन ही नहीं भेजी थी। वहां जो हेलीकॉप्टर कम कर रहे थे वह श्रद्धालुओं को लाने ले जाने वाले निजी क्षेत्र के हेलीकॉप्टर थे। इतने अहम मौके पर इस स्तर की लापरवाही की एक सरकार से कल्पना भी नहीं की जा सकती। 

जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सदन में कह रहे हैं कि उन्होंने परिवहन निगम की बसें फ्री में चलाकर श्रद्धालुओं को बाहर निकाला। जबकि बसों में यात्रा कर रहे श्रद्धालु कह रहे हैं कि उन्हें सामान्य से ज्यादा किराया देकर यह यात्रा करनी पड़ रही है। हेलीकॉप्टर से चंबा पहुंचे व्यक्ति ने आरोप लगाया कि चार लोगों की सवारी के लिए उन्हें 75 हजार चुकाने पड़े जो असली किराए से कई–कई गुना ज्यादा है। 

सरकार इस तरीके से झूठ बोल रही है और  श्रद्धालुओं को लेकर झूठ बोल रही है वही श्रद्धालु सरकार के झूठ का फैक्ट चेक कर दे रहे हैं। आपदा के समय विधानसभा के भीतर इस तरीके का झूठ बोलना बहुत शर्मनाक है। इससे आम लोगों का सरकार से भरोसा खत्म होता है।  इसलिए मेरा मुख्यमंत्री महोदय से आग्रह है कि वह राहत और बचाव कार्य पर ध्यान दें और झूठ बोलने से बचें। 

भरमौर में 500 से ज्यादा ऐसे लोग हैं जिन्होंने पैदल चलकर आपदा प्रभावित क्षेत्र से निकलने से मना कर दिया। हमारे विधायक जनक राज और डीएस ठाकुर मौके पर है और लोगों को राहत पहुंचाने में की जान से जुटे हुए हैं। उनके द्वारा इस आपदा में भारी नुकसान की बात कही गई है। 

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के कई हिस्से यातायात और संचार की दृष्टि से सुचारू रूप से बहाल नहीं हुए हैं। मुझे सैकड़ो ऐसी कॉल प्राप्त हुई है जिसमें लोक सेवा आयोग की काउंसलिंग से जुड़े अभ्यर्थियों द्वारा काउंसलिंग की डेट आगे बढ़ने का आग्रह किया जा रहा है।

कर्मचारियों के प्रमोशन हुए हैं जिन्हें जल्दी ही ज्वाइन करना है। ऐसी स्थिति में उनके लिए यात्रा करके निर्धारित जगहों पर पहुंचना मुश्किल है। इसलिए  मुख्यमंत्री उनकी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इन तिथियों को आगे बढ़ाया जिससे उन्हें भी राहत मिल सके।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow