पिरोया मोनिका और शुभम ने गीत में पिरोया  प्रकृति ने दिए जख्मोें को

केशा बोशा पाणीया हिमावली रे पहाड़ों-गैणी फाटो बादलो हूंदी धरतीए बाढ़ो नामक गीत में  हिमाचल प्रदेश की दुःख भरी दास्ता को पिरोया गया है ं। सिरमौर के उभरते कलाकार मोनिका व शुभम ने अपनी सुरीली आवाज में आपदा की इस दर्द भरी दास्तां का बखान किया गया

Aug 25, 2023 - 16:55
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पिरोया मोनिका और शुभम ने गीत में पिरोया  प्रकृति ने दिए जख्मोें को

यंगवार्ता न्यूज़ - राजगढ  25-08-2023
केशा बोशा पाणीया हिमावली रे पहाड़ों-गैणी फाटो बादलो हूंदी धरतीए बाढ़ो नामक गीत में  हिमाचल प्रदेश की दुःख भरी दास्ता को पिरोया गया है ं। सिरमौर के उभरते कलाकार मोनिका व शुभम ने अपनी सुरीली आवाज में आपदा की इस दर्द भरी दास्तां का बखान किया गया है। इस गीत की रचना  प्रसिद्ध लेखक दिलीप बसिष्ठ ने की है। जबकि  युवा कलाकार व संगीत निर्माता किरनेश पुंडीर ने इसे संगीत देकर सुशोभित किया है। 
वीडियो का कार्यभार संभाला है विशाल शर्मा न विडियो निर्माण में  तथा इसके संपादन में शुभम शर्मा ने अहम भूमिका निभाई है। इस गीत की एलबम का नाम पहाड़ों की पुकार है जिसका यूटयूब के हिल मैलोडीज चैनेल पर आन्नद ले सकते हैं । इस एलबम ने समूचे सिरमौर क्षेत्र में धूम मचाई है और लोग बड़े गौर से सुन रहे हैं। सर्वविदित है कि प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के  बेखौफ मंजर ने जहां अनेक लोगों के अमूल्य जीवन को अपना ग्रास बनाया गया वहीं पर असंख्य परिवारों को बेघर करके गहरे जख्म दिए है। 
प्रकृति की इस त्रासदी में किसी ने अपने बेटे को खो दिया तो किसी ने अपने मां बाप , किसी ने भाई - बहन तो किसी ने अपना पूरा परिवार खो दिया। कोई जान बचाते हुए अपने वाहनों को बहता देखता रह गया , तो कोई अपनी नम आंखों से अपने खून पसीने से सींचे उस सपनो के घर को ढहता देखता रह गया। इसी दर्द को गीत के माध्यम  से मोनिका व शुभम ने बयां करने का प्रयास किया है। 
इस गीत के सभी कलाकारों का कहना है कि, इस गीत का उद्देश्य सभी लोगों और आने वाली पीढ़ी तक यह संदेश पहुंचाना है कि, इस प्रकृति के साथ खिलवाड़ करना हम सभी के लिए कितना महंगा पड़ सकता है।  उन्होंने लोगो से प्रकृति संरक्षण की इस मुहिम में जुड कर अपना योगदान देने का भी  गीत के माध्यम से आग्रह किया है।

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