शिमला के जुन्गा में पैराग्लाइडिंग फ्लाइंग फेस्टिवल, 8 हजार फीट से पायलटों ने भरी रोमांचक उड़ान

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से सटे क्षेत्र जुन्गा की टिक्कर साइट में चल रहे फ्लाइंग फेस्टिवल के अंतिम दिन का रोमांच चरम पर रहा। फ्लाइंग फेस्टिवल में देश-विदेश से 59 पायलट पहुंचे। यह प्रतियोगिता लीग प्रारूप में आयोजित

Oct 28, 2025 - 14:31
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शिमला के जुन्गा में पैराग्लाइडिंग फ्लाइंग फेस्टिवल, 8 हजार फीट से पायलटों ने भरी रोमांचक उड़ान

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    28-10-2025

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से सटे क्षेत्र जुन्गा की टिक्कर साइट में चल रहे फ्लाइंग फेस्टिवल के अंतिम दिन का रोमांच चरम पर रहा। फ्लाइंग फेस्टिवल में देश-विदेश से 59 पायलट पहुंचे। यह प्रतियोगिता लीग प्रारूप में आयोजित की गई, जिसमें प्रतिभागियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन उड़ान की ऊंचाई, लैंडिंग की सटीकता और समय के आधार पर किया गया। 

इस रोमांचक आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पायलट 8,000 फीट की ऊंचाई से उड़ान भरते हुए लगभग 5,000 फीट तक उतरते हैं और सटीकता से टारगेट लैंडिंग सर्कल में उतरने का प्रयास करते हैं। जो प्रतिभागी सबसे सटीक लैंडिंग करता है, उसे अधिकतम अंक मिलते हैं।

त्योहारी माहौल के बीच जुंगा का आसमान चार दिन रंग-बिरंगे पैराग्लाइडरों से भरा नजर आया। हर उड़ान के साथ दर्शकों का उत्साह देखने लायक था। स्थानीय लोगों ने भी इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन का भरपूर आनंद लिया। विशेष बातचीत में फेस्टिवल में विभिन्न देशों से आए प्रतिभागियों ने हिमाचल की प्राकृतिक सुंदरता और अनुकूल मौसम की सराहना की है। 

स्थानीय प्रशासन और पर्यटन विभाग के सहयोग से आयोजित यह आयोजन प्रदेश में एडवेंचर टूरिज्म को नई पहचान दे रहा है। फेस्टिवल के आयोजक अरुण रावत में बताया कि प्रतियोगिता का उद्देश्य हिमाचल को अंतरराष्ट्रीय पैराग्लाइडिंग हब के रूप में स्थापित करना है ताकि भविष्य में अधिक से अधिक विदेशी प्रतिभागी यहां उड़ान भरने पहुंचे। अंतिम दिन स्कूली विद्यार्थी भी पैराग्लाइडिंग देखने पहुंचे। 

फ्लाइंग फेस्टिवल में नेपाल के अमन थापा भी पहुंचे। थापा पिछली बार प्रतियोगिता में  ओवरआल चैंपियन बने थे। अमर उजाला से विशेष बातचीत थापा ने कहा कि पैराग्लाइडिंग से हिमाचल में पर्यटन बढ़ेगा। साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। बीड़ बिलिंग पैराग्लाइडिंग के लिए बहुत अच्छी जगह है। थापा ने कहा कि उनके घर के पास ही पैराग्लाइडिंग लैंडिंग साइट है। 

जब वे सात-आठ साल के थे तो लैंडिंग साइट में बैठते थे। तब से पैराग्लाइडिंग में उनकी रुचि बढ़ी। उन्होंने कहा कि पैराग्लाइडिंग में पायलटों को अच्छे स्पॉन्सर नहीं मिल रहे। कहा कि पैराग्लाइडिंग के उपकरणों की कीमत करीब पांच लाख रुपये हैं। 

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