सरकार के संरक्षण पर श्रम कानूनों का उल्लंघन कर रही हैं पनविद्युत परियोजनाएं : सीटू 

हिमाचल हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट वर्करज़ फैडरेशन सम्बन्धित सीटू का दूसरा राज्य सम्मेलन सीटू राज्य कार्यालय किसान मजदूर भवन चिटकारा पार्क कैथू शिमला में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में एसजेवीएनएल 1500 मेगावाट, एसजेवीएनएल 412 मेगावाट, जेएसडब्ल्यू कड़छम वांगतू , बास्पा , एडी हाइड्रो , मलाणा , पार्वती - 2, 3 परियोजनाओं, चमेरा - 1, 2 व 3 परियोजनाओं, बेरासयूल , रामपुर , सावड़ा कुडडु , लूहरी

Dec 17, 2023 - 17:42
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सरकार के संरक्षण पर श्रम कानूनों का उल्लंघन कर रही हैं पनविद्युत परियोजनाएं : सीटू 
 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  17-12-2023
हिमाचल हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट वर्करज़ फैडरेशन सम्बन्धित सीटू का दूसरा राज्य सम्मेलन सीटू राज्य कार्यालय किसान मजदूर भवन चिटकारा पार्क कैथू शिमला में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में एसजेवीएनएल 1500 मेगावाट, एसजेवीएनएल 412 मेगावाट, जेएसडब्ल्यू कड़छम वांगतू , बास्पा , एडी हाइड्रो , मलाणा , पार्वती - 2, 3 परियोजनाओं, चमेरा - 1, 2 व 3 परियोजनाओं, बेरासयूल , रामपुर , सावड़ा कुडडु , लूहरी , धौलासिद्ध पनविद्युत परियोजनाओं व इसके अतिरिक्त प्रदेश में छोटी - बड़ी पनविद्युत परियोजनाओं , एनएचपीसी , एसजेवीएनएल , एचपीपीसीएल , बिजली बोर्ड व निजी कंपनियों में कार्यरत दो सौ मजदूरों ने सम्मेलन में भाग लिया। 
सम्मेलन में 31 सदस्यीय कमेटी का चुनाव किया गया। मदन नेगी को अध्यक्ष , प्रेम गौतम को महासचिव , संतोष कुमार को कोषाध्यक्ष , सुदेश कुमारी , नीलदत्त , कामराज , महेश्वर , गुरदास , कुलदीप डोगरा को उपाध्यक्ष , धर्म चंद , श्याम सोनी , ललित कुमार , लोकेंद्र , सूरम लाल बांशटू , आनंद मेहता को सचिव , सुक्खू साजन नेगी , दीपन बाबा , अजय , चन्द्र , कपिल , जोगिंदर , तुलसी राम , चतर सिंह , ललित , नवीन , सत्यप्रकाश , प्रमोद , बदन सिंह , सुरेंद्र कुमार को कमेटी सदस्य चुना गया। सम्मेलन का उद्घाटन इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉयीज फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव प्रशांत नंदी चौधरी ने किया। 
सम्मेलन का समापन सीटू राष्ट्रीय सचिव सुदीप दत्ता ने किया। सम्मेलन को सीटू राष्ट्रीय सचिव कश्मीर सिंह ठाकुर, प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, उपाध्यक्ष जगत राम व कोषाध्यक्ष अजय दुलटा ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि सन 1991 में नवउदारवादी नीतियों के लागू होने के बाद उत्पादन करने वाली पनविद्युत परियोजनाओं में बिजली बोर्ड व निगम ने बारहमासी कार्य के लिए सभी श्रेणियों के कर्मचारी व मजदूर आउटसोर्स या ठेका मजदूर के माध्यम से रखे हैं। इन्हें केवल न्यूनतम वेतन ही दिया जाता है जबकि यह स्थाई कर्मचारी के बराबर ही काम करते हैं। नियमित कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ता , मकान किराया भत्ता , चिकित्सा भत्ता जैसे अन्य प्रकार के आर्थिक लाभ इन्हें नहीं दिये जाते हैं।  
इन्हें सेवा निवृत्त होने पर नाममात्र सेवा लाभ ही दिए जाते हैं। समान काम का समान वेतन, नियमितिकरण और नियमित कर्मचारी के बराबर अन्य सुविधाओं की इनकी मांगें आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई हैं। प्रदेश में कई छोटी - बड़ी पनविद्युत परियोजनाओं में उत्पादन कई निजी कम्पनियां कर रही हैं जिसमें सैंकड़ों मजदूर काम कर रहे हैं। ये कंपनियां श्रम कानूनों का घोर उल्लंघन करती रही हैं और सरकार का इन्हें पूरा संरक्षण मिलता रहा है। इनके द्वारा मजदूरों का भारी शोषण किया जा रहा है। सरकारी एवं निजी पनविद्युत परियोजनाओं में कार्यरत मजदूरों के वेतन व अन्य आधारभूत सुविधाओं में भारी असमानता है। हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड व निगमों में नियमित कर्मचारी का वेतन वेतन आयोग की सिफ़ारिशों के आधार पर लागू होता है या इनके निदेशक मंडल इनके वेतन को निधारित करते हैं। 
निजी कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों की वेतन नीति कंपनियां अपनी सुविधा अनुसार ही तय करती हैं। निजी कंपनियों द्वारा निर्धारित यह वेतन बिजली बोर्ड व निगमों के कर्मचारियों को मिल रहे वेतन से बहुत कम होता है। इन विद्युत कंपनियों के लिए सरकार ने वेतन तय करने के संदर्भ में न तो कोई कानून - नियम बनाए हैं और न ही किसी आयोग का गठन किया है जिससे मजदूरों का भारी शोषण हो रहा है। सरकारी व निजी पनविद्युत परियोजनाओं में मिल रहे वेतन में भारी अंतर है। फेडरेशन ने मांग की है कि भारत वर्ष के उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार बिजली परियोजनाओं में कार्यरत आउटसोर्स , ठेका व अन्य मजदूरों को समान काम का समान वेतन दिया जाए। निजी पनविद्युत कंपनियों के पास कार्यरत मजदूरों व कर्मचारियों को बिजली बोर्ड व निगमों के कर्मचारियों के बराबर वेतन, भत्ते व अन्य सेवा लाभ दिए जाएं। 
बारहमासी प्रकृति के कार्य में ठेकेदारी प्रथा व आउटसोर्सिंग प्रणाली को खत्म किया जाए। मजदूरों को पक्का अथवा नियमित रोजगार दिया जाए। बिजली उत्पादन में लगी निजी कंपनियों के मजदूरों व कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग गठित किया जाए। निर्माणाधीन पन बिजली परियोजनाओं में कार्यरत मजदूरों की तर्ज पर ही बिजली उत्पादन अथवा जेनरेशन में कार्यरत मजदूरों के लिए अलग से वेतन शेड्यूल बनाया जाए व उन्हें ज्यादा वेतन दिया जाए। हिमाचल प्रदेश के अन्य विभागों की तर्ज पर बिजली बोर्ड व निगमों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।

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