यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 07-12-2024
आईजीएमसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन संबंधित सीटू के बैनर तले आईजीएमसी अस्पताल के सफाई, वार्ड अटेंडेंट, ईसीजी, मैस, अन्य पैरामेडिकल व लॉन्ड्री कर्मियों ने वेतन भुगतान को लेकर सुबह व शाम दोनों समय आईजीएमसी प्रबंधन व ठेकेदारों के खिलाफ मोर्चा बांधा। इस दौरान मजदूर अस्पताल के पर्ची काउंटर व चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय के समक्ष मौन धरने पर बैठ गए। तत्पश्चात यूनियन की बैठक चिकित्सा अधीक्षक के साथ हुई व मांगों का समाधान मांगा। चिकित्सा अधीक्षक डॉ राहुल राव ने मांगों के समाधान के लिए 10 दिसंबर को आईजीएमसी प्रबंधन, यूनियन, ठेकेदारों व आउटसोर्सिंग एजेंसियों की बैठक बुलाई है।
इस दौरान सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा , रमाकांत मिश्रा , बालक राम , विवेक कश्यप , रंजीव कुठियाला , राम प्रकाश , यूनियन अध्यक्ष वीरेंद्र लाल , महासचिव नोख राम , कोषाध्यक्ष सीता राम , निशा , सरीना , सुरेंद्रा , उमा , विद्या , बबलू , भूमि , संदीप , अनुज , वनीता , राजेंद्र , धनी राम , संजीव , सुनीता , लेख राज , जगत राम , वंदना , सुनीता , सचिन खिंटा सहित सैकड़ों मजदूर शामिल रहे। यूनियन ने फैसला लिया है कि अगर 10 दिसंबर की बैठक से पूर्व मजदूरों के वेतन का भुगतान न किया गया तो यूनियन उग्र आंदोलन करेगी। विजेंद्र मेहरा, बालक राम, वीरेंद्र लाल एवं नोख राम ने आईजीएमसी अस्पताल प्रबंधन व ठेकेदारों पर मजदूरों के गंभीर शोषण का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि एक सौ पचास से ज्यादा वार्ड अटेंडेंट , सफाई , सुरक्षा कर्मियों व अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ को नौकरी से निकालने की साजिश रची जा रही है। इन एक सौ पचास मजदूरों को दो महीने से वेतन भी नहीं दिया गया है। इसके अलावा आईजीएमसी के किसी भी आउटसोर्स कर्मी को दिसंबर महीने की सात तारीख बीत जाने के बावजूद भी नवंबर महीने के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। मजदूरों से अपने कार्य के अतिरिक्त कार्य करवाया जा रहा है व उन्हें अतिरिक्त कार्य का वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा व इसके खिलाफ निर्णायक आंदोलन होगा। जरूरत पड़ी तो मजदूर यूनियन नौकरी की सुरक्षा के लिए हड़ताल पर उतर जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आईजीएमसी अस्पताल में अंग्रेजों के ज़माने के काले कानून आज भी जारी हैं। यहां हायर एन्ड फायर नीति जारी है। अस्पताल में मजदूरों को सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन तक नहीं मिल रहा है। आईजीएमसी में अभी भी श्रम कानूनों का गला घोंट कर दर्जनों कोविड कर्मियों व सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी अस्पताल में न्यूनतम वेतन, ईपीएफ, ईएसआई, छुट्टियों, आठ घण्टे के कार्य दिवस, हर माह सात तारीख से पूर्व वेतन भुगतान, बोनस, चेंजिंग रूम, दो वर्दी सेट आदि मुद्दों का समाधान नहीं किया जा रहा है। आईजीएमसी अस्पताल के ठेकेदार श्रम क़ानूनों व 12 जून के श्रम कार्यालय में हुए समझौते की खुली अवहेलना कर रहे हैं। उन्होंने चेताया है कि अगर श्रम कानून लागू न हुए तो आंदोलन तेज होगा व आईजीएमसी अस्पताल के मजदूर सड़कों पर उतरेंगे।