कांगड़ा के किसान और बागवानों में धीरे-धीरे बढ़ रहा कागजी नींबू का रुझान
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के किसान और बागवानों में धीरे-धीरे कागजी नींबू का ओर रुझान बढ़ रहा है। इस बरसात में अभी तक उद्यान विभाग की सरकारी नर्सरियों से 13,173 कागजी नींबू के पौधे बिक चुके हैं। इसके अलावा कलमी नींबू के 400 और नींबू की अन्य किस्मों के 575 पौधे बिके
यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला 02-09-2024
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के किसान और बागवानों में धीरे-धीरे कागजी नींबू का ओर रुझान बढ़ रहा है। इस बरसात में अभी तक उद्यान विभाग की सरकारी नर्सरियों से 13,173 कागजी नींबू के पौधे बिक चुके हैं। इसके अलावा कलमी नींबू के 400 और नींबू की अन्य किस्मों के 575 पौधे बिके हैं।
वहीं गलगल के 1886 पौधे किसानों ने खरीदे हैं। जिलेभर में दूसरे नंबर पर फलों के राजा आम की विभिन्न किस्मों के पौधे सरकारी नर्सरियों में 11,801 और निजी नर्सरियों में 1195 बिके हैं। इसमें सबसे अधिक मांग दशहरी आम की रही है।
30 अगस्त तक जिला कांगड़ा में बरसात के मौसम में लगने वाले फलदार पौधों के 55,311 पौधे किसानों ने खरीद लिए हैं। अभी तक लीची के 3,549, नागपुरी संतरा के 3,626, नूरपुरी संतरा के 1760, किन्नू के 214, मौसमी के 471, माल्टा के 180, अमरूद के 3,205, कटहल के 1,334, पपीता के 2,555 पौधे किसानों ने खरीदे हैं।
वहीं, विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मौसम खत्म होने तक यह आंकड़ा 75 हजार तक पहुंचने की उम्मीद है। बता दें कि अब किसानों की रुझान खेतीबाड़ी से कम हो रहा है और बागवानी की तरफ बढ़ रहा है।
बेसहारा पशुओं के तंग आकर अब किसानों ने बागवानी की ओर दिलचस्पी दिखाना शुरू कर दी है। इससे किसानों को फायदा भी हो रहा है और पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा है, जो वातावरण के लिए काफी जरूरी है।
उद्यान विभाग की ओर से बरसात में लगने वाले फलदार पौधों की 15 जुलाई से बिक्री शुरू हो गई थी। आम के पौधे के दाम 70 से 75, नींबू-मौसमी के 60 और लीची के पौधे के दाम 70 रुपये है।
कांगड़ा में उद्यान विभाग चार सरकारी नर्सरियों इंदपुर, जसूर, गुम्मर और बड़ोह में 81,520 विभिन्न किस्मों के फलदार पौधे उपलब्ध हैं। अन्य तीन नर्सरियों में 41,730 पौधे और सरकार की ओर से पंजीकृत 12 नर्सरियों में 2,34,115 पौधे हैं। इसमें आम, नींबू, लीची, अमरूद, कटहल और जामुन आदि के पौधे हैं।
What's Your Reaction?