सरकारी सर्किट हाउस में सीएम की बैठक पर चुनाव आयोग पहुचे सुधीर शर्मा , आदर्श आचार सहिंता के उलंघन के लगाए आरोप

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू द्वारा बीते दिन पीडब्ल्यूडी सर्किट हाउस धर्मशाला में बैठक करने और मीडिया कर्मियों को सम्बोधित करने पर भाजपा ने सवाल खड़े किए है। धर्मशाला से भाजपा उम्मीदवार सुधीर शर्मा ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है और कार्रवाई की मांग की है

Apr 22, 2024 - 18:02
Apr 22, 2024 - 18:14
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सरकारी सर्किट हाउस में सीएम की बैठक पर चुनाव आयोग पहुचे सुधीर शर्मा , आदर्श आचार सहिंता के उलंघन के लगाए आरोप

यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला  22-04-2024
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू द्वारा बीते दिन पीडब्ल्यूडी सर्किट हाउस धर्मशाला में बैठक करने और मीडिया कर्मियों को सम्बोधित करने पर भाजपा ने सवाल खड़े किए है। धर्मशाला से भाजपा उम्मीदवार सुधीर शर्मा ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है और कार्रवाई की मांग की है। सुधीर शर्मा ने शिकायत में कहा कि धर्मशाला विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक संभावित कांग्रेस उम्मीदवारों के साथ बैठक की और मीडिया कर्मियों को संबोधित किया। 
साथ ही  कांग्रेस ने धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया है और मीडिया कर्मियों को यह भी बताया कि लोकसभा के लिए उम्मीदवारों के नाम- जल्द ही विधानसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव की घोषणा की जाएगी। जबकि  बैठकों के लिए सरकारी सर्किट हाउस-गेस्ट हाउस-रेस्ट हाउस के परिसर का उपयोग कोई भी राजनीतिक दल नहीं कर सकते है और इसका उपयोग केवल अस्थायी प्रवास के लिए किया जा सकता है।
 इसका कोई भी उल्लंघन , आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। सुधीर शर्मा ने कहा कि जिला रिटर्निंग अधिकारी यानी धर्मशाला में उपायुक्त , कांगड़ा, एसडीएम धर्मशाला भी लोक निर्माण विभाग सर्किट हाउस में हिमाचल प्रदेश के  मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित थे। उपर्युक्त सरकारी अधिकारियों से जिनसे आदर्श आचार संहिता के किसी भी उल्लंघन को रोकने की अपेक्षा की गई थी, उन्होंने स्वयं आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है।
आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों को अपेक्षित नोटिस दिया जाए और माननीय मुख्यमंत्री को कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में आगे चुनावी बैठक करने और प्रचार करने से रोका जाए। मामले की निष्पक्ष जांच कराएं और न्याय के हित में कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत उन व्यक्तियों-अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें, जिन्होंने स्पष्ट रूप से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है।

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