बाल विवाह को रोकने के लिए समाज में जागृति लाने की जरूरत
एसडीएम सदर मंडी ओमकांत ठाकुर ने कहा कि बाल विवाह को रोकने के लिए समाज में जागृति लाने की जरूरत है। वह बाल विवाह को रोकने व बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए गठित उपमंडल स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 22-04-2025
एसडीएम सदर मंडी ओमकांत ठाकुर ने कहा कि बाल विवाह को रोकने के लिए समाज में जागृति लाने की जरूरत है। वह बाल विवाह को रोकने व बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए गठित उपमंडल स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अंतर्गत निर्धारित से कम आयु के लडके व लड़की को नाबालिग माना जाता है और नाबालिगों द्वारा किया गया विवाह गंभीर और गैर जमानती अपराध है। बाल विवाह होने की सूरत में संबंधित अभिभावकों, संलिप्त मैरिज हाल, पंडित, मौलवी, अभिभावकों, बैंड वाले, टेंट वाले, डीजे और कैटर्स भी अपराधी की श्रेणी में आते हैं।
बाल विवाह करवाने या बढ़ावा देने में सहायक व्यक्तियों को दो साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनो हो सकते हैं। एसडीएम ने बैठक में उपस्थित विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों, पुजारियों, कैटरिंग, टेंट व डीजे संचालकों का आह्वान किया कि यदि उनके ध्यान में बाल विवाह होने की बात सामने आए तो इसकी तुरंत सूचना संबंधित अधिकारियों को देकर बाल विवाह जैसी बुराई को जड़ से समाप्त करने में सहयोग प्रदान करें।
उन्होंने महिला एवं बाल विकास, शिक्षा तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह ग्रामीण स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, महिला व युवक मंडलों तथा पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से समाज के सभी लोगों को बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत प्रावधानों की जानकारी प्रदान करें।
बैठक में बाल विकास परियाजना अधिकारी मंडी सदर जितेन्द्र सैणी सहित अन्य सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
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